रहस्यों और खजानों से भरा है यह मंदिर, नहर की खोज में सनसनीखेज जानकारी
मिस्र रहस्यों से भरा देश है. हाल ही में एक नहर की खोज में शोधकर्ता तब दंग रह गए जब नदी के नीचे एक मंदिर और अभ्यारण्य मिला. खास बात यह थी कि मंदिर में अकूत खजाना और हथियार थे. शोधकर्ताओं ने कहा कि मंदिर का कनेक्शन ग्रीस से है.
Egypt Temple Mystery: मिस्र के भूमध्यसागरीय तट पर एक नहर की खोज करते समय, पानी के नीचे पुरातत्वविदों ने क्रमशः भगवान अमून और देवी एफ्रोडाइट से जुड़े प्राचीन खजाने से भरे एक डूबे हुए मंदिर और एक अभयारण्य की खोज की. मंदिर, जो ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी के मध्य में एक प्रलयकारी घटना के दौरान आंशिक रूप से ढह गया था. मूल रूप से भगवान अमुन के लिए बनाया गया था. यूरोपियन इंस्टीट्यूट फॉर अंडरवाटर आर्कियोलॉजी (IEASM) के एक बयान के अनुसार फिरौन प्राचीन मिस्र के देवताओं के सर्वोच्च देवता से सार्वभौमिक राजाओं के रूप में अपनी शक्ति की उपाधि प्राप्त करने के लिएमंदिर में गए थे.
नहर की खोज में मिला खजाना
परित्यक्त इमारत कभी अबूकिर की खाड़ी जिसे अबू किर खाड़ी भी कहा जाता है वो प्राचीन बंदरगाह शहर थोनिस-हेराक्लिओन का हिस्सा थी. पहले वाला शहर, जो अब पानी के अंदर है मिस्र के आधुनिक तट से लगभग 7 किलोमीटर) दूर है, वो एक बड़े भूकंप और ज्वारीय लहरों के कारण भूमि तरल हो गई और नील डेल्टा में डूब गई. मंदिर की खोज करते समय पुरातत्वविदों ने कई खजाने और रहस्यों का पता लगाया.
चांदी से बने अनुष्ठान उपकरण, सोने के गहने और अलबास्टर कंटेनर शामिल थे. इनका उपयोग इत्र या चिकना मलहम रखने के लिए किया जाता था, जिन्हें अनगुएंट्स के रूप में जाना जाता है.
खजाने और हथियारों पर शोध
इसके अलावा साइट पर गोताखोरों को अच्छी तरह से संरक्षित लकड़ी के खंभे और बीम द्वारा समर्थित भूमिगत संरचनाएं मिलीं, जो पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व की थीं. आईईएएसएम के अध्यक्ष और खुदाई का नेतृत्व करने वाले फ्रांसीसी पानी के नीचे के पुरातत्वविद् फ्रेंक गोडियो ने बयान में कहा कि ऐसी नाजुक वस्तुओं की खोज करना बेहद भावुक करने वाला है, जो हिंसा और प्रलय की भयावहता के बावजूद बरकरार रहीं.
मंदिर के पूर्व में, पुरातत्वविदों को प्रेम की देवी एफ्रोडाइट को समर्पित एक ग्रीक अभयारण्य मिला. इसमें आयातित कांस्य और चीनी मिट्टी की वस्तुओं सहित कई कलाकृतियां भी शामिल थीं.
इससे पता चलता है कि सैटे राजवंश के फिरौन के समय [688 ईसा पूर्व और 525 ईसा पूर्व के बीच] यूनानियों को व्यापार करने और शहर में बसने की अनुमति थी.पुरातत्वविदों के मुताबिक उनके अपने देवताओं के लिए अभयारण्य थे. शोधकर्ताओं ने बयान में कहा कि अभयारण्य में यूनानी हथियारों का भंडार भी था जो यह संकेत दे सकता है कि यूनानी भाड़े के सैनिक नील नदी के सबसे पश्चिमी या कैनोपिक, शाखा के मुहाने पर एक समय में राज्य की रक्षा कर रहे थे.