ऋषि सुनक के लिए खतरे की घंटी, ब्रिटिश पीएम बनने के बाद पहली बार मिली नेगेटिव रेटिंग
Rishi Sunak Negative Approval Rating: सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि सुनक के अलावा, आठ अन्य कैबिनेट सहयोगियों को जून में नेगेटिव रेटिंग का सामना करना पड़ा है.
Rishi Sunak Approval Rating: ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कुर्सी के लिए खतरे के संकेत दिखने लगे हैं. पिछले साल अक्टूबर में पदभार संभालने के बाद पहली बार, यूके पीएम की कंजर्वेटिव सांसदों के बीच नेगेटिव अप्रूवल रेटिंग आई है. मीडिया रिपोट्स् के मुताबिक नवीनतम कंजर्वेटिवहोम पोल के अनुसार, सुनक की अप्रूवल रेटिंग में भारी गिरवाट दर्ज की गई है. जून में यह रेटिंग - 2.7 प्रतिशत रही, जो पिछले महीने 11.7 प्रतिशत थी.
रेटिंग में गिरावट तब आई है जब सरकार बैंक ऑफ इंग्लैंड के ब्याज दरों में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के फैसले से परेशान है और शरण चाहने वालों को रवांडा में निर्वासित करने की नीति को पिछले हफ्ते एक अदालत ने गैरकानूनी करार दिया था.
सुनक के आठ सहयोगियों ने भी पाई नेगेटिव रेटिंग
सर्वेक्षण से पता चलता है कि सुनक के अलावा, आठ अन्य कैबिनेट सहयोगियों को जून में नेगेटिव रेटिंग का सामना करना पड़ा, जिनमें ओलिवर डाउडेन, ग्रेग हैंड्स, माइकल गोव, एंड्रयू मिशेल, ग्रांट शाप्स, जेरेमी हंट, रॉबर्ट जेनरिक और थेरेसी कॉफ़ी शामिल हैं.
रक्षा सचिव बेन वालेस को 77.1 प्रतिशत समर्थन के साथ कैबिनेट के किसी भी सदस्य की अप्रूवल रेटिंग सबसे अधिक मिली. पॉजिटव अप्रूवल रेटिंग वाले अन्य कैबिनेट सदस्यों में 54.4 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली, 43.9 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ व्यापार सचिव केमी बडेनोच और 30.4 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन शामिल हैं.
डेली मेल ने रेडफील्ड और विल्टन स्ट्रैटेजीज़ के एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि सुनक के लेबर प्रतिद्वंद्वी कीर स्टार्मर की अप्रूवल रेटिंग में भी 2 प्रतिशत की गिरावट आई है, फिर भी वे 7 प्रतिशत पर पॉजिटिव बनी हुई हैं.
पीएम के लिए एक और बुरी खबर
ब्रिटिश पीएम के लिए और भी बुरी खबर यह है कि टोरी सांसदों के इस्तीफे के कारण तीन संसदीय सीटों के लिए होने वाले महत्वपूर्ण उपचुनाव से पहले लेबर पार्टी ने कंजर्वेटिव पार्टी पर 18 अंकों की बढ़त बनाए रखी है. सकारात्मक सर्वेक्षण परिणाम कंजर्वेटिव पार्टी को बढ़ावा दे सकते हैं क्योंकि वह 2024 में अगले आम चुनाव में हार की भविष्यवाणी को उलटना चाहती है.