Bangladesh Coup: बांग्लादेश में तख्ता पलट हो गया है और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है. फिलहाल वह यूपी के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस में एक सेफ हाउस में हैं. शेख हसीना ने शायद ही कभी सोचा हो कि उनके परिवार ने जिस बांग्लादेश के लिए प्राणों की आहुति दे दी, वही उनकी भी जान का दुश्मन बन बैठेगा. शेख हसीना के पिता बंगबंधु मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के संस्थापक हैं. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पूरे देश में उनकी ही मूर्तियों को हथौड़ों से तोड़ दिया. यानी जिस शख्स ने अपनी जिंदगी पाकिस्तान के जुल्मों से अपने लोगों को बचाने में लगा दी, उसी की मूर्ति अब मिट्टी में मिल गई.


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चलिए जानते हैं कि बंगबंधु के परिवार में कितने लोग थे और आज उनमें से कितने बचे हैं. 


पहले राष्ट्रपति थे शेख मुजीबुर रहमान 


शेख मुजीबुर रहमान (बंगबंधु) बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और  देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे. उनकी पत्नी का नाम था शेख फजीलातुनेशा मुजीब. उन्हें और उनके परिवार को 1975 में मौत के घाट उतार दिया गया था. उनके पांच बच्चे थे. सबसे बड़ी बेटी शेख हसीना, दूसरे शेख कमाल, शेक जमाल, शेख रेहाना और सबसे छोटे शेख रसल. 


शेख मुजीबर रहमान की हत्या से पूरी दुनिया सहम गई थी. बताया जाता है कि उनकी हत्या में मिलिट्री के कुछ जूनियर अफसरों का हाथ था. 15 अगस्त 1975 का ही वो दिन था, जब सेना के ही अफसरों ने उनके घर को घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें मुजीबुर रहमान, उनकी पत्नी, बेटा, बहू और 10 साल के बेटे को मौत के घाट उतार दिया गया. उनकी दो बेटियां शेख हसीना और शेख रेहाना इस घटना के वक्त जर्मनी में थीं, इसलिए वे बच गई थीं. 


1967 में हुई थी हसीना की शादी


शेख हसीना की शादी 1967 में एमए वाजेद मियां से हुई थी, जिनकी साल 2009 में मौत हो गई थी. वह बांग्लादेश अटॉमिक एनर्जी कमिशन के पूर्व चेयरमैन थे. शेख हसीना के दो बच्चे हैं- साजीब वाजेद और साएमा वाजेद. साजीब पेशे से कारोबारी होने के साथ-साथ इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी पर सरकार के एडवाइजर थे. जबकि उनकी बेटी साइकोलॉजिस्ट और हेल्थ एक्टिविस्ट हैं. 


जबकि शेख रेहाना बांग्लादेश अवामी लीग की नेता हैं. अब तक माना जा रहा था कि अपनी बहन के बाद वही उनकी उत्तराधिकारी होंगी. उनके दो बच्चे हैं. बेटे रदवान मुजीब सिद्दीकी को भी हसीना के बाद दावेदार माना जा रहा था. वह अवामी लीग के सेंटर फॉर रिसर्च के इंचार्ज और यूएन सलाहकार रह चुके हैं. लेकिन वह थाइलैंड शिफ्ट हो गए. उनकी बहन ट्यूलिप सिद्दीकी ब्रिटिश सांसद हैं.