बांग्लादेशी मौलाना का अजब फतवा, Facebook के `हाहा` Emoji के इस्तेमाल को कहा हराम, दिया ये लॉजिक
अगर आपकी प्रतिक्रिया का इरादा पोस्ट करने वाले का उपहास उड़ाना है या ताना मारना है या सोशल मीडिया पर टीका टिप्पणी करना है तो यह इस्लाम में पूरी तरह से हराम है.
ढाका: फेसबुक जैसे सोशल मीडिया साइट्स का दखल पूरी दुनिया भर के लोगों की जिंदगियों में है. इसके यूजर बांग्लादेश में भी हैं. लेकिन इस बीच बांग्लादेश के मुस्लिम धर्मगुरु और चर्चित मौलाना अहमदुल्लाह ने फेसबुक के 'हाहा' इमोजी के खिलाफ अजीबोगरीब फतवा जारी किया है.
फेसबुक पर पोस्ट किया वीडियो
मौलाना अहमदुल्लाह ने तीन मिनट का वीडियो पोस्ट किया और फेसबुक पर लोगों के मजाक उड़ाने की चर्चा की. उसके कुछ ही देर बाद उन्होंने फतवा जारी कर दिया. साथ ही यह भी बताया कि यह किस तरह से मुस्लिमों के लिए 'हराम' है.
अहमदुल्लाह ने दिया ये लॉजिक
अहमदुल्ला ने कहा, 'आजकल हम फेसबुक के हाहा इमोजी का इस्तेमाल लोगों का मजाक उड़ाने के लिए करते हैं.' मौलाना अहमदुल्लाह ने कहा, 'अगर आप केवल मजाक के लिए हाहा इमोजी का इस्तेमाल करते हैं और कंटेंट पोस्ट करने वाली की मंशा भी यही है तो यह ठीक है. लेकिन अगर आपकी प्रतिक्रिया का इरादा पोस्ट करने वाले का उपहास उड़ाना है या ताना मारना है या सोशल मीडिया पर टीका टिप्पणी करना है तो यह इस्लाम में पूरी तरह से हराम है. अल्लाह के लिए मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इसका काम से बचें. किसी का मजाक उड़ाने के लिए हाहा इमोजी का इस्तेमाल नहीं करें.'
VIDEO
सोशल मीडिया पर मौलाना के काफी फॉलोवर
मौलाना अहमदुल्लाह के इस 3 मिनट के वीडियो को अब तक 20 लाख बार देखा जा चुका है. मौलाना अहमदुल्लाह के फेसबुक और यूट्यूब पर 30 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं. अहमदुल्लाह बांग्लादेश की नई पीढ़ी के मौलाना हैं जो इंटरनेट पर काफी सक्रिय हैं. वो अक्सर अक्सर टीवी पर आते हैं और मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में धार्मिक विषयों पर बहस करते हैं. हालांकि मौलाना के इस वीडियो पर उनके हजारों की तादाद में फॉलोवर्स ने हाहा इमोजी से ही रिएक्ट किया और एक तरह से अपना विरोध दर्ज कराया.