Tehreek-e-Taliban: आतंकवाद को पनाह देने वाला पाकिस्तान अब खुद आतंकियों के खौफ से परेशान है. चाहकर भी पाकिस्तानी सेना कुछ नहीं कर पा रही है. हाल यह है कि सेना प्रमुख तक झल्ला रहे हैं तभी तो शुक्रवार को पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कहा कि प्रतिबंधित 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान' का आतंकवाद सभी वैश्विक आतंकवादी संगठनों और उनके छद्म संगठनों का केंद्र बन गया है.


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सीमा पर पाकिस्तान को बड़ा खौफ
यहां 'मर्गल्ला डायलॉग 2024' के विशेष सत्र में 'शांति और स्थिरता में पाकिस्तान की भूमिका' विषय पर अपने संबोधन में सीमा की स्थिति पर चर्चा करते हुए थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल मुनीर ने कहा कि पश्चिमी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए एक व्यापक सीमा प्रबंधन व्यवस्था लागू की गई है. इस संगोष्ठी का आयोजन 'इस्लामाबाद पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट' (आईपीआरआई) द्वारा किया गया था.


अफगानिस्तान से सुरक्षा की भीख
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के अनुसार, जनरल मुनीर ने कहा, "खवारिज का खतरा दुनिया भर के सभी आतंकवादी संगठनों और उनके समर्थकों के लिए एक केंद्र बन गया है. पाकिस्तान को उम्मीद है कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा किए जाने पर रोक लगायेगी और इस संबंध में सख्त कदम उठाएगी." पाकिस्तान 'तहरीक-ए-तालिबान' (टीटीपी) के आतंकवादियों के लिए खवारिज शब्द का प्रयोग करता है. अब जानते हैं आखिर क्या है टीटीपी, जिसने पाकिस्तान में मचा रखा है कोहराम.


क्या है टीटीपी
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जिसे TTP भी कहा जाता है वो पाकिस्तान में अपनी ही सरकार के खिलाफ लड़ने वाला सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है. पाकिस्तान में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने तबाही मचाकर रख दी है. साथ ही इस आतंकी संगठन ने पूरे पाकिस्तान को अपने आगे टेकने के लिए हर कोशिश में लगा हुआ है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर टीटीपी के कई हजार लड़ाकें मौजूद हैं, जो पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ 'युद्ध' छेड़े हुए हैं.


अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद टीटीपी मजबूत
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार के पतन से पहले, पाकिस्तानी सरकार बार-बार उन पर अफगानिस्तान में पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों को शरण देने का आरोप लगाती थी. नतीजतन, इस्लामाबाद में कुछ लोगों का मानना ​​था कि अगर अफगान तालिबान (एक तथाकथित पाकिस्तान-मित्र संगठन) काबुल में सत्ता में लौट आए, तो इन पाकिस्तानी विरोधी समूहों पर कार्रवाई होगी. हालांकि, इन उम्मीदों के विपरीत, अफगान तालिबान की वापसी ने अब तक टीटीपी को मजबूत किया है और अब वो पाकिस्तान के लिए एक सिरदर्द बन गई है. (इनपुट आईएएनएस से भी)