इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) बार-बार कश्‍मीर (Kashmir) को लेकर बयान दे रहे हैं. खान ने कहा है कि यदि कश्‍मीर का मसला निपट जाए तो पाकिस्‍तान का परमाणु हथियारों की जरूरत ही नहीं रहेगी. खान ने यह बयान तब दिया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कश्‍मीरी नेताओं के साथ मीटिंग में 2 दिन ही रह गए हैं. 24 जून को पीएम मोदी की अध्‍यक्षता में होने जा रही इस मीटिंग के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर के 8 दलों के 14 नेताओं को न्‍योता दिया गया है.  


पड़ोसी 7 गुना बड़ा हो तो चिंता लाजिमी 


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स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास जनवरी 2020 में 165 परमाणु हथियार थे जबकि भारत के पास 160 थे. इसे लेकर टीवी चैनल को दिए इंटरव्‍यू में सवाल पूछे जाने पर इमरान खान ने भारत का नाम लिए बिना कहा कि जब पड़ोसी देश आपसे 7 गुना बड़ा हो, तब चिंतित होना लाजिमी है. ऐसे में देश को अपनी सुरक्षा की चिंता करनी ही होती है. खान ने आगे कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार (Nuclear Bomb) उसकी प्रतिरोधक क्षमता हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं. 


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परमाणु हथियार जुटाने के बाद नहीं हुआ युद्ध 


अपनी परमाणु ताकत बताते हुए खान ने कहा कि मैं पूरी तरह से परमाणु हथियारों के खिलाफ हूं. हमारे भारत (India) के साथ 3 युद्ध हुए हैं लेकिन जब से हमने परमाणु ताकत जुटाई है तब से दोनों देशों के बीच कोई युद्ध (War) नहीं हुआ है. सीमा पर छोटी-छोटी झड़पें होना अलग बात है लेकिन हमारे बीच युद्ध नहीं हुआ है. साथ ही कहा कि यदि अमेरिका चाहे तो कश्मीर मसला सुलझ सकता है. जैसे ही कश्मीर पर समझौता हो जाएगा, हमें परमाणु हथियार रखने की जरूरत ही नहीं होगी.


हाल ही में खान ने कहा था कि पाकिस्तान और भारत के बीच तब तक रिश्‍ते सामान्य नहीं हो सकते हैं कि जब तक कि नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के अपने फैसले को वापस नहीं ले लेती है.