Al Fayed Death Case:  मिस्र में जन्मे तेजतर्रार व्यवसायी मोहम्मद अल फायद अब इस दुनिया में नहीं हैं. 94 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. अल फायद की दुनिया भर में चर्चा तब हुई जब उनके बेटे डोडी(Princess Diana-dodi car accident) और राजकुमारी डायना के साथ कार दुर्घटना में मौत हो गई थी. हैरोड्स डिपार्टमेंट स्टोर और फुलहम फुटबॉल क्लब के लंबे समय तक मालिक रहे अल फायद, 26 साल पहले पेरिस में डायना के साथ कार दुर्घटना में बेटे डोडी फायद की मौत से टूट गए थे. उन्होंने ब्रिटिश सरकार(al fayed against british government) से लंबी लड़ाई लड़ी थी. 30 अगस्त, 2023 को, उनके परिवार ने फुलहम क्लब ने बयान जारी किया था. उन्होंने कहा था कि शाही परिवार ने खुद दुर्घटना को अंजाम तक पहुंचाया था क्योंकि उन्हें डायना का किसी मिस्र के शख्स के साथ डेटिंग करना पसंद नहीं था. अल फायद ने दावा किया था कि डायना (Princess Diana) गर्भवती थीं और डोडी से शादी करने की योजना बना रही थीं. शाही परिवार राजकुमारी को एक मुस्लिम से शादी करने से मना नहीं कर सकता था. 


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डायना-डोडी केस में साजिश का लगाया था आरोप


2008 में अल फायद ने एक पूछताछ में बताया कि कथित साजिशकर्ताओं की सूची में फिलिप,लंदन के दो पूर्व पुलिस प्रमुख और सीआईए(CIA) शामिल थे. जांच में यह निष्कर्ष निकला कि डायना और डोडी की मृत्यु उनके ड्राइवर, रिट्ज होटल के एक कर्मचारी, जोड़े का पीछा करने वाले पपराजी के लापरवाह की वजह से हुई थी.  यूके और फ्रांस में अलग-अलग पूछताछ से यह भी निष्कर्ष निकला कि कोई साजिश नहीं थी. शाही परिवार के साथ अल फायद के रिश्ते को हाल ही में द क्राउन के सीजन पांच में भी दिखाया गया था. इटली और मध्य पूर्व में शिपिंग में शुरुआती निवेश के बाद, वह 1960 के दशक में ब्रिटेन चले गए और एक साम्राज्य बनाना शुरू कर दिया. द संडे टाइम्स रिच लिस्ट के मुताबिक फायद परिवार की संपत्ति 1.7 बिलियन पाउंड  बताई है, जिसमें अल फायद को 104 वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में स्थान दिया गया है। देश में। अल फायद पहली बार 1980 के दशक में सुर्खियों में आए जब उन्होंने हाउस ऑफ फ्रेजर समूह के नियंत्रण के लिए प्रतिद्वंद्वी टाइकून टिनी रोलैंड (Tiny Rolland)के साथ लड़ाई की, जिसमें हैरोड्स भी शामिल थे। अल फायद और उनके भाई ने हाउस ऑफ फ्रेजर में 30% हिस्सेदारी खरीदी थी. पूर्ण नियंत्रण लेने के लिए अतिरिक्त 615 मिलियन पाउंड का भुगतान किया था.


नकद के बदले सवाल भी रहा चर्चा में


अल फायद प्रश्नों के लिए नकद घोटाले में भी एक प्रमुख किरदार के तौर पर सनसनी में आए. 1990 के दशक में ब्रिटिश राजनीति को हिलाकर रख दिया था। अल फायद पर एक ब्रिटिश विधायक, नील हैमिल्टन द्वारा मानहानि का मुकदमा किया गया था. व्यवसायी ने दावा किया कि उसने हाउस ऑफ कॉमन्स में सवाल पूछने के बदले में हैमिल्टन को नकदी के लिफाफे और पेरिस के रिट्ज में एक शानदार रहने की सुविधा दी थी.  हैमिल्टन के वकील डेसमंड ब्राउन ने आरोप को काल्पनिक बताते हुए कहा कि अगर ओलंपिक होते झूठ बोलने के लिए पदक मिस्टर फायद स्वर्ण पदक के प्रमुख दावेदार होंगे.  दिसंबर 1999 में एक जूरी ने अल फायद के पक्ष में फैसला सुनाया लेकिन उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा कभी स्वीकार नहीं किया गया. सरकार ने नागरिकता के लिए उनके आवेदन को दो बार खारिज कर दिया हालांकि कारणों को कभी भी सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया