रियो डी जनेरियो/इस्लामाबाद: कोरोना वायरस (Corona Virus) को कमतर आंकने वालों को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है. ब्राजील को दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश बनाने में अहम किरदार निभाने वाले राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. उनका दूसरी बार टेस्ट करवाया गया है, जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है.   


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एक स्थानीय टीवी चैनल के मुताबिक, राष्ट्रपति ने अपनी सभी बैठकें रद्द कर दी हैं और वह hydroxychloroquine ले रहे हैं. संभव है, अब शायद जेयर बोल्सोनारो को कोरोना के खतरे का अंदाजा हो और वे इसकी रोकथाम के लिए कड़े उपायों का विरोध करने की अपनी आदत छोड़ें. बोल्सोनारो शुरुआत से ही कोरोना को कमतर आंकते आए हैं. उन्होंने इसे मामूली बुखार करार दिया था और इसकी रोकथाम के लिए लागू किए गए नियमों का कभी पालन नहीं किया. अब नतीजा सबके सामने है. 


बोल्सोनारो की तरह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने भी कोरोना के जोखिम को हल्के में लिया और पूरा देश उनकी इस नादानी की खामियाजा भुगत रहा है. आम जनता के साथ-साथ पाकिस्तान में हाई-प्रोफाइल कोरोना वायरस रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi ) के बाद अब स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर जफर मिर्जा (Dr Zafar Mirza) की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. मिर्जा पर पाकिस्तान में महामारी से निपटने की जिम्मेदारी है, ऐसे में उनका संक्रमित होना दर्शाता है कि पाकिस्तान का पूरा सिस्टम ही बीमार चल रहा है.  


कोरोना के लक्षण दिखाई देने के बाद से डॉक्टर मिर्जा ने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया है. मिर्जा पहले 20 मिलियन मास्क की तस्करी के आरोप में आपराधिक जांच का सामना कर रहे थे, लेकिन बाद में उन्हें राहत मिल गई. विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी और डॉक्टर मिर्जा के साथ ही मंत्री सैयद अमीनुल हक (Syed Aminul Haq) और रेलमंत्री शेख रशीद अहमद (Sheikh Rasheed Ahmed) भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. अहमद की रिपोर्ट 8 जून को पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें रावलपिंडी के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया था. 


इसी तरह, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता और सिंध प्रांत के गवर्नर इमरान इस्माइल और पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खान अब्बासी (Shahid Khaqan Abbasi) की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी. हालांकि, हाई-प्रोफाइल कोरोना मरीजों की यह लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता सईद गनी, बलूचिस्तान के पूर्व गवर्नर सैयद फ़ज़ल आगा, पंजाब प्रांत के नेता शाहीन रज़ा, सिंध प्रांत के मंत्री गुलाम मुर्तज़ा बलूच भी पिछले छह महीनों में वायरस की चपेट में आ चुके हैं. 


यह बात अलग है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया. कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद इमरान ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए सख्त लॉकडाउन से परहेज किया. उन्होंने धार्मिक स्थलों को भी बंद नहीं किया. वह लगातार अपनी स्थिति का रोना रोते रहे और कोरोना देश में बेकाबू होता गया, आज नतीजा सबसे सामने है. 


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