Britain Royal Family News: क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के सम्राट बन गए. शनिवार को उनका राज्याभिषेक भी हो गया. लेकिन ब्रिटिश राजपरिवार से कौन सम्राट बनेगा, गद्दी का ट्रांसफर कैसे होगा. इसकी प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है. 


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इसका इतिहास ईसाई धर्म की दो शाखाओं प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक चर्च की मान्यताओं से जुड़ा हुआ है. परंपरा ये है कि अगर किसी सम्राट की मृत्यु हो जाती है तो राजशाही उसके उत्तराधिकारी के पास खुद-ब-खुद चली जाती है. 


जब क्वीन एलिजाबेथ की मृत्यु हुई तो यूनाइटेड किंगडम (यूके) के 4 देश और 14 कॉमनवेल्थ देशों के प्रमुख महारानी के बड़े बेटे किंग चार्ल्स बन गए. उनके राजा बनते ही उनके नीचे जो भी लोग हैं, उनका पद एक पायदान ऊपर हो गया. 


आसान नहीं थी डगर


दरअसल बात 17वीं सदी की है. तब इंग्लैंड में आखिरी रोमन कैथोलिक किंग जेम्स II का राज था. उनके कैथोलिक राज में प्रोटेस्टेंट बिशप को खतरा महसूस होने लगा. इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड पर हमला करने के लिए विलियम III को बुलाया. इंग्लैंड की सेना ने विलियम III का हाथ थाम लिया. इससे घबराकर जेम्स II फ्रांस भाग निकला. 


दरअसल इंग्लैंड के शाही परिवार से विलियम का रिश्ता था. वह 1650 में डच रिपब्लिक के हेग में पैदा हुआ था. वह मैरी और विलियन II की इकलौती संतान थे. वह जेम्स II की बहन का बेटा था. 


पास हुए दो कानून


जब जेम्स फ्रांस भाग गया तो ताज मैरी के पास आ गया. वह प्रोटेस्टेंट थीं. इसके बाद वहां की संसद से दो कानून पास हुए. पहला बिल ऑफ साइट्स (1689) और दूसरा एक्ट ऑफ सेटलमेंट (1701). इसमें संसद की मंजूरी से राज करने के अलावा कई ऐसी शर्तें रखी गईं, जिनका पालन करना जरूरी है. यह भी जरूरी है कि जो भी सम्राट बने, वह राजकुमारी सोफिया का वंशज हो. वह इंग्लैंड के चर्च के साथ कम्यूनियन का हिस्सा थीं. यानी इंग्लैंड के चर्च और सम्राट के बीच बातचीत को अनिवार्य बना दिया गया. 2013 तक यह कानून लागू रहा. बाद में क्राउन एक्ट को लेकर संसद ने नया उत्ताधिकार कानून पास किया गया. 


इस कानून के बाद रॉयल फैमिली के छोटे लड़कों को अपनी बड़ी बहनों के ऊपर गद्दी का उत्तराधिकारी बनने का अधिकार मिल गया. यानी अगर बेटा उम्र में छोटा भी है तो सम्राट वही बनेगा. 


क्वीन एलिजाबेथ भी राजकुमारी सोफिया की वंशज हैं. इसलिए उनके निधन के बाद तमाम अधिकार और संपत्तियां किंग चार्ल्स के पास आ गए. अब उनको संपत्ति, भूमि, डची ऑफ लैंकेस्टर का पोर्टफोलियो मिला है. यह करीब 750 मिलियन डॉलर का है. 


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