कनाडा में मंदिर पर हमले के बाद फूटा हिंदुओं का गुस्सा, तिरंगा लहराते हुए प्रदर्शन; जयशंकर ने भी खूब सुनाया
Attack on Hindu Temple in Brampton: भारत ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हिंसा का कड़ा विरोध किया है. सोमवार को बड़ी संख्या में हिंदुओं ने मंदिर के बाहर तिरंगे लेकर प्रदर्शन किया.
Canada Temple Attack News: कनाडा के ब्रैम्पटन में मंदिर पर खालिस्तानी हमले ने हिंदुओं को एकजुट कर दिया है. 3 नवंबर को हमले के बाद, 4 नवंबर की शाम को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर भारी भीड़ जमा हुई. प्रदर्शन रैली में शामिल लोगों के हाथों में तिरंगा था. 'वंदे मातरम' और 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए भीड़ ने मंदिर तथा हिंदुओं के साथ एकजुटता दिखाई. भारत ने खालिस्तानी झंडे लेकर आए प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंदू मंदिर में लोगों के साथ की गई हिंसा पर सख्त रुख अपनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी घटना पर चिंता जताई.
खालिस्तानी देख लें! ब्रैम्पटन में जमा हुए हिंदू
ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर जुटी भीड़ ने जस्टिन ट्रूडो सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शन में शामिल ऋषभ ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, 'हम हिंदू समुदाय के रूप में कल जो कुछ हुआ उससे बहुत दुखी हैं. हम हिंदू समुदाय के समर्थन में यहां आए हैं. हिंदू समुदाय ने कनाडा में बहुत योगदान दिया है और हम प्रगतिशील हैं, हम बहुत आर्थिक मूल्य जोड़ते हैं, हम जहां भी जाते हैं कानून और व्यवस्था का पालन करते हैं - चाहे वह कनाडा हो या कहीं और.'
उन्होंने कहा, 'राजनेताओं और पुलिस की प्रतिक्रिया देखकर बहुत दुख हुआ, उन्होंने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया... हम यहां समर्थन में आए हैं. हम बस यही मांग रहे हैं कि न्याय मिले. कानून के शासन का पालन किया जाए और अपराधियों पर कानून के शासन के तहत मुकदमा चलाया जाए.'
'कनाडा में हिंदुओं के साथ गलत हो रहा'
रैली में भाग लेने वालों में से एक ने कहा, 'आज एक बात स्पष्ट है - कनाडा में हमारी जान है और हिंदुस्तान में हमारी जान बसती है. हिंदू कनाडाई कनाडा के प्रति बहुत वफादार हैं. हिंदू कनाडाई लोगों के साथ जो हो रहा है वह सही नहीं है. समय आ गया है कि सभी राजनेता यह जान लें कि हिंदू कनाडाई लोगों के साथ जो हो रहा है वह गलत है... हम चाहते हैं कि कनाडा हिंदुओं के साथ अच्छा व्यवहार करे... हम चाहते हैं कि भारत और कनाडा के रिश्ते मजबूत हों, हम उन लोगों के खिलाफ हैं जो इसके खिलाफ हैं...'
भारत की दो टूक, हिंसा स्वीकार नहीं
ब्रैम्पटन में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की मंदिर यात्रा के दौरान हिंसक झड़पों के एक दिन बाद यह हमला हुआ. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे 'जानबूझकर किया गया हमला' और 'हमारे राजनयिकों को डराने का कायरतापूर्ण प्रयास' करार दिया. उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन बनाए रखेगी.
मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा, 'मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे राजनयिकों को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही भयावह हैं." उन्होंने कहा, "हिंसा के ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं करेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन बनाए रखेगी.'
जयशंकर ने भी खूब सुनाया
वहीं, विदेश मंत्री जयशंकर ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा, 'कनाडा में कल हिंदू मंदिर में जो कुछ हुआ, वह निश्चित रूप से बेहद चिंताजनक है.' जयशंकर ने कहा, 'आपको हमारे आधिकारिक प्रवक्ता का बयान और कल हमारे प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त की गई चिंता भी देखनी चाहिए थी. इससे आपको पता चल जाएगा कि हम इस घटना के बारे में कितनी गहरी भावना रखते हैं.'
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पुलिस ने इस हमले से जुड़े तीन संदिग्धों की पहचान की है, जिनमें मिसिसॉगा के 42 वर्षीय दिलप्रीत सिंह बौंस, ब्रैम्पटन के 23 वर्षीय विकास (पूरा नाम अज्ञात) और मिसिसॉगा के 31 वर्षीय अमृतपाल सिंह शामिल हैं. एक अन्य व्यक्ति को पुराने वारंट पर गिरफ्तार किया गया और बाद में रिहा कर दिया गया. एक वीडियो में देखा गया कि पील पुलिस का ऑफ ड्यूटी अधिकारी खालिस्तानी समर्थकों की रैली में भाग ले रहा था. उस अधिकारी को जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया गया है.
कनाडा के पूर्व सिख मंत्री ने ट्रूडो को ‘मूर्ख’ बताया
कनाडा के एक पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को 'सामाजिक और राजनीतिक रूप से मूर्ख व्यक्ति' करार दिया. उन्होंने कहा कि ट्रूडो कभी समझ ही नहीं पाए कि ज्यादातर सिख धर्मनिरपेक्ष हैं और वे खालिस्तान से कोई सरोकार नहीं रखना चाहते. पूर्व प्रधानमंत्री पॉल मार्टिन की सरकार में संघीय कैबिनेट मंत्री रह चुके उज्जल दोसांझ (78) ने एक लेख में दावा किया कि कनाडा में कई मंदिरों पर खालिस्तान समर्थकों का नियंत्रण है. उन्होंने कहा कि यह ट्रूडो की गलतियों का नतीजा है कि 'आज कनाडा के लोग खालिस्तानियों और सिख को एक मानते हैं, मानो कि अगर हम सिख हैं, तो हम सब खालिस्तानी हैं.' (एजेंसी इनपुट्स)