बीजिंग: चीन ने विवादित दक्षिणी चीन समुद्र में ‘पोत भेदी क्रूज मिसाइल’ और ‘सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली’ की तैनाती पर कहा है कि इस क्षेत्र पर ‘निर्विवाद रूप से उसका आधिपत्य’ है. ‘दक्षिणी चीन समुद्र’ और ‘पूर्वी चीन समुद्र’ को लेकर चीन हमेशा विवाद में रहा है. वहीं चीन दक्षिणी चीन समुद्र के पूरे हिस्से पर अपना दावा करता रहा है जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसके उलट दावा करते हैं.


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यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मिसाइल की कथित तैनाती पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिइंग ने कहा, “चीन का नान्साहा (अलग नाम से पहचाना जानेवाला) द्वीप और इससे जुड़े द्वीप पर चीन का निर्विवाद रूप से आधिपत्य है. ”वियतनाम और ताइवान अलग अलग इस पर चीन के विरुद्ध दावे करते हैं.  


चीन ने दक्षिण चीन सागर में सैन्य जमावड़े को सही ठहराया
आपको बता दें कि चीन की सेना का कहना है कि विवादित दक्षिण चीन सागर में द्वीपों पर अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करना उसका हक है. हालांकि चीन ने कहा कि ये उपाय किसी खास देश को ध्यान में रखकर नहीं किए गए हैं. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियांग का बयान मंगलवार को ऐसे समय आया जब इससे पहले अमेरिका की नौसेना ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सागर में तीन विमान वाहक पोत तैनात किये थे. इस सागर के ज्यादातर हिस्से पर चीन अपना अधिकार बताता है.


‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने कल खबर दी कि चीन ने क्षेत्र में सैन्य उपकरणों को जाम करने वाली प्रणाली लगाई है. मंत्रालय की वेबसाइट पर रेन के हवाले से कहा गया कि ऐसे उपाय करना चीन के अधिकार में है. उन्होंने कहा कि इससे उसकी संप्रभुता एवं सुरक्षा के साथ क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के संरक्षण में मदद मिलेगी. 


दक्षिण चीन सागर में हालात अब भी उलझे हुए हैं
वियतनाम के राजदूत तोन सिन्ह थान्ह ने मंगलवार (27 फरवरी) को कहा कि दक्षिण चीन सागर में हालात ‘‘अब भी उलझे हुए’’ हैं, लेकिन सकारात्मक पहलू यह है कि चीन एवं दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (आसियान) ने आचार संहिता पर बातचीत शुरू करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है ताकि सीमा क्षेत्र के दावों से निपटा जा सके. तोन ने कहा कि वियतनाम ‘‘अपने पड़ोसियों, खासकर चीन जैसे बड़े पड़ोसियों, को अहमियत देता है.’’ इस मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में तोन ने पत्रकारों को बताया, ‘‘वहां के (दक्षिण चीन सागर के) हालात अब भी उलझे हुए हैं. वहां का घटनाक्रम सकारात्मक है, खासकर आचार संहिता को लेकर, जिसे चीन एवं आसियान दोनों ने मंजूरी दी है. उन्होंने आचार संहिता की बातचीत शुरू करने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की है.’’


इनपुट भाषा से भी