China News: चीन के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी और चंद्रमा के बीच नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिससे अंतरिक्ष यात्रा आसान होने की उम्मीद है. चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (सीएएसटी) और बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेसक्राफ्ट सिस्टम इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं के अनुसार, तीन लूनर ग्राउंड स्टेशनों और 30 सैटेलाइट का पूरा नेटवर्क ग्लोबल यूजर्स की मॉनिटरिंग सर्विस, नेविगेशन और रियल टाइम कम्युनिकेशन प्रदान करेगा.


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इस सुपरहाइवे को बनाने का उद्देश्य 20 या अधिक अंतरिक्ष यात्रियों को ऑडियो, इमेज या वीडियो के माध्यम से एक साथ पृथ्वी के साथ संवाद करने की सुविधा प्रदान करना है.


यह नेटवर्क स्पेसक्राफ्ट के चंद्रमा और पृथ्वी के बीच यात्रा करते समय और लूनर सर्फेस पर ऑपरेशन करते समय सटीक स्थिति, नेविगेशन और समय (पीएनटी) भी उपलब्ध कराएगा.


मूविंग टारगेट की मॉनिटरिंग
शोधकर्ताओं ने जून में चाइनीज स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी मैगजीन में लिखा था कि यह नेटवर्क मूविंग टारगेट की मॉनिटरिंग करेगा, जिन्हें 'सिस्लूनर स्पेस' कहा जाता है, जो पृथ्वी और चंद्रमा के बीच के क्षेत्र में हैं, भले ही वे एक मीटर जितने छोटे हों.


चीन के चांग’ई-5 मिशन के मुख्य डिजाइनर यांग मेंगफेई की अगुआई वाली टीम ने कहा, 'सिस्लूनर स्पेस अंतरिक्ष मानवीय गतिविधियों के लिए एक नया क्षेत्र बन गया है.'


टीम ने बताया, 'इस क्षेत्र में अंतरिक्ष गतिविधियों का अगले दशक में तेजी से विस्तार होने वाला है, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा का एक नया दौर शुरू होगा.' उन्होंने कहा, 'ऑर्बिटल स्लॉट और रेडियो फ्रीक्वेंसी जैसे संसाधनों के लिए कंपटीशन पहले से ही चल रही है और भविष्य में यह और भी तेज होगी. चीन के लिए सिस्लूनर स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने और उभरती सिस्लूनर इकोनॉमी में बढ़त हासिल करने के लिए एक टॉप लेवल रोड मैप स्थापित करने की तत्काल जरूरत है.'


सिसलूनर स्पेस क्या है ?
सिसलूनर स्पेस पृथ्वी और चंद्रमा के बीच का क्षेत्र है. इसमें पृथ्वी के चारों ओर सैटेलाइट की कक्षाए और वह स्थान शामिल है जहां चंद्रमा की कक्षा स्थित है. शोधकर्ताओं ने कहा कि चीन डीप स्पेस और लूनर एक्सप्लोरेशन में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है और इसलिए भविष्य के मिशनों के लिए 'दोहराए गए निर्माण से बचने और संसाधन आवंटन को अनुकूलित करने' के लिए रणनीतिक योजना महत्वपूर्ण है.


रणनीतिक योजना में बाहरी सौर मंडल में एक्सप्लोरेशन मिशन, एक अंतरराष्ट्रीय लूनर रिसर्च स्टेशन का निर्माण और क्रू के साथ लूनर लैंडिंग शामिल हैं. शोधकर्ताओं ने कहा, 'हालांकि अमेरिका, यूरोप और जापान में योजनाएं मौजूद हैं, लेकिन अभी तक किसी को भी लागू नहीं किया गया है. चीन के पास उभरते हुए सिस्लुनर स्पेस इंडस्ट्री में पर्याप्त हिस्सेदारी हासिल करने का एक अनूठा अवसर है.'


Photo courtesy- Reuters/NASA