WMO Report Sea Level rise: वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) की ताजा रिपोर्ट में चेताया गया है कि दुनियाभर में समुद्र का जल स्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है और अगर ऐसे ही चलता रहा तो इसकी जद में दुनिया के बड़े शहर आ जाएंगे. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई, ढाका, शंघाई, लंदन, न्यूयॉर्क समेत दुनिया के कई शहरों पर खतरा मंडरा रहा है.


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'दुनिया के पैरों तले की जमीन खिसक रही है'


क्या आपको पता है कि दुनिया के पैरों तले की जमीन खिसक रही है? बस आपको महसूस नहीं हो रहा. लेकिन विश्व मौसम संगठन यानी WMO ने एक ऐसी रिपोर्ट जारी की है. जिसके बारे में जानकर आपके अपने पैरों तले की जमीन खिसक भी जाएगी और खिसकती हुई महसूस भी होने लगेगी. इस रिपोर्ट के मुताबिक धरती पर बढ़ते हुए Sea Level के खतरे विनाश की चेतावनी दे रहे हैं. ग्लोबल वॉर्मिंग और Sea Level से जुड़े ये फैक्ट्स आपकी चिंता का लेवल भी बढ़ा देंगे.


ग्लोबल वॉर्मिंग से डूब जाएंगे शहर


रिपोर्ट के मुताबिक अगर ग्लोबल वॉर्मिंग डेढ़ डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य तक ही सीमित रहती है तो अगले दो हजार वर्षों में समुद्र का जलस्तर 2 से 3 मीटर बढ़ जाएगा. अगर ग्लोबल वॉर्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने में हम कामयाब रहे तो भी समुद्र 6 मीटर तक उठ जाएगा और भगवान ना करें कि ग्लोबल वॉर्मिंग 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गई तो 2000 सालों में समुद्र 19 से 22 मीटर तक उठ जाएगा.


मुश्किल में पड़ जाएगी जिंदगी


अब आप सोच रहे होंगे कि अरे ये क्या बात हुई. अगर दो हजार वर्ष में समुद्र का जलस्तर 2-3 मीटर बढ़ भी गया तो कौन सी कयामत आ जाएगी. तो आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं. क्योंकि सच में कयामत आ जाएगी. क्योंकि समुद्र के जलस्तर में एक इंच की बढोतरी भी बेहद मायने रखती है. WMO के मुताबिक समुद्र के बढ़ते हुए जलस्तर का असर छोटे द्वीप देशों पर ही नहीं घनी आबादी वाले तटीय शहरों में रहने वाले 90 करोड़ लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा. यानी धरती पर रह रहे हर 10 में से एक शख्स की जिंदगी समुद्र के बढ़ते जलस्तर की वजह से मुश्किल में पड़ जाएगी. 


पैदा होगा खाद्यान्न का संकट


अगर ग्लोबल वॉर्मिंग डेढ़ से दो डिग्री सेल्सियस के बीच भी रहती है तो भी समुद्र का जलस्तर इतना बढ़ जाएगा कि गरीब और विकासशील देशों में खाद्यान्न का संकट पैदा हो जाएगा. लेकिन बढ़ते हुए जलस्तर का असर सिर्फ गरीब और विकासशील देशों पर नहीं पड़ेगा. बल्कि दुनिया का हर वो देश और हर वो शहर जो समुद्र तट पर स्थित है उसका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.


खत्म हो जाएंगे ये शहर!


भारत का मुंबई (Mumbai), इजिप्ट का काहिरा (Cairo), थाइलैंड का बैंकॉक (Bangkok), बांग्लादेश की राजधानी ढाका (Dhaka), इंडोनेशिया का शहर जकार्ता, चीन का शहर शंघाई (Shanghai), डेनमार्क का कोपेनेहेगन, ब्रिटेन का लंदन (London), अमेरिका का लॉस एंजेल्स और न्यूयॉर्क (New York) के साथ अंजेर्टीना का ब्यूनर्स आयर्स और चिली का सैंटियागो समेत हर महाद्वीप के बड़े शहरों के खत्म होने की चेतावनी जारी की गई है.


WMO ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत,चीन, बांग्लादेश और नीदरलैंड, वैश्विक स्तर पर समुद्री जल स्तर बढ़ने के सबसे ज्यादा डेंजर जोन में हैं. संयुक्त राष्ट्र के चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया को चेतावनी भरे लहजे में समझाया है कि बढ़ता हुआ समुद्री जलस्तर से धरती को जो खतरा है, वो हमारी सोच से भी बड़ा है. WMO की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 1900 से लेकर अबतक Global Sea Level में जो औसत वृद्धि दर्ज की गई है उतनी पिछले 3000 सालों में नहीं हुई.


122 सालों में यूं तेजी से बढ़ा जलस्तर


1901 से लेकर 1971 तक हर साल समुद्र के जलस्तर में औसतन 1.3 मिलीमीटर का इजाफा हुआ.


1971 से 2006 के बीच में ये बढ़कर 1.9 मिलीमीटर प्रतिवर्ष हो गई.


2006 से 2018 के दौरान ये करीब डबल होकर 3.7 मिलीमीटर प्रतिवर्ष हो गई.


और 2013 से 2022 के दौरान समुद्र का जलस्तर हर साल 4.5 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की रफ्तार बढ़ता चला गया.


WMO की रिपोर्ट में दी गई चेतावनी को आप गंभीरता से भी ले सकते हैं और ये कहकर हवा में भी उड़ा सकते हैं कि एक मिलीमीटर या एक इंच होता ही कितना है. अगर कई सालों बाद समुद्र का जलस्तर कुछ इंच बढ़ भी गया तो क्या हो जाएगा. हम इसको लेकर कोई बड़ी बात तो नहीं कहेंगे. बस आपको अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी की एक रिपोर्ट का फैक्ट बता सकते हैं जिसके मुताबिक समुद्र तल (Sea Level) में हर एक इंच के इजाफे से  किसी बीच की 50 से 100 इंच जमीन समंदर में समा जाती है. यानी 1.3 से 2.5 मीटर का बीच पानी में समा जाता है.


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