न्यूयॉर्क: कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों में अग्रणी कंपनी फाइजर ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीन 12 साल तक के बच्चों पर भी बेहद असरदार है. कंपनी ने कहा कि सरकार अब कम उम्र के किशोर-किशोरियों की भी वैक्सिनेशन कर सकती है, ताकि स्कूल-कॉलेज खोलने जैसे कदम उठाए जा सकें. 


कंपनी का दावा गंभीर, सरकार से मांगा लाइसेंस


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अभी दुनिया भर में कोरोना की जो वैक्सीन लगाई जा रही हैं, वो वयस्कों के लिए है. खास कर 40 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए. जबकि दुनिया भर में कोरोना के शिकार लोगों में 20-35 साल के उम्र के लोगों की संख्या बढ़ी है. ऐसे में दुनिया भर की जवान आबादी के मन में वैक्सिनेशन की जरूरतों को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन पर वैक्सीन असरदार भी होगी या नहीं. लेकिन अब फाइजर कंपनी ने दावा किया है कि उसकी वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों पर पूरी तरह से असरदार है. 


16 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए पहले से अनुमति


फाइजर की वैक्सीन को 16 साल से अधिक उम्र के लोगों पर इस्तेमाल की अनुमति पहले ही मिल चुकी है. लेकिन कंपनी का कहना है कि अब वो किशोरों को भी वैक्सिकेशन में शामिल करने के लिए तैयार है. फाइजर कंपनी ने अमेरिकी सरकार के एफडीआई और यूरोपियन यूनियन से अनुमति भी मांग ली है. कंपनी के सीईओ अल्बर्ट बॉरला ने बताया कि टेस्टिंग के दौरान 12-15 साल के जिन किशोरों पर फाइजर कंपनी की वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया, वो पूरी तरह से सुरक्षित रहे और किसी भी तरह से संक्रमण के शिकार नहीं हुए. हालांकि इस टेस्टिंग की पूरी रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है. 


मॉडर्ना कंपनी ने भी मांगी अनुमति


ऐसा नहीं है कि सिर्फ फाइजर कंपनी ने ही ऐसा दावा किया है. मॉडर्ना कंपनी ने भी अपनी वैक्सीन को 12-17 साल के किशोरों पर असरदार बताया है और एफडीआई से इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगी है. हालांकि एफडीआई ने दोनों कंपनियों से कम उम्र के बच्चों पर भी टेस्टिंग की अनुमति दे दी है. एफडीआई चाहती है कि 6 माह से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जाए. यहां ये भी बता दें कि चीनी कंपनी सिनोवैक का दावा है कि उसकी वैक्सीन 3 साल की उम्र से अधिक के सभी लोगों पर असरदार है.