सोशल मीडिया और इंटरनेट की दुनिया ही कुछ और है. एक महिला जो अपने पिता को लगभग एक दशक से ढूंढ रही थी और जब वो उसे उसके पिता मिले तो वो खुद हैरान रह गई. तमुना मुसेरिद्ज़े एक जॉर्जियाई पत्रकार हैं और उन्होंने 2021 में अपने माता-पिता को ढूंढने के लिए एक फेसबुक ग्रुप बनाया था. 2016 में जिस महिला ने तमुना को पाला था, उसकी मौत हो गई थी और उसके घर को साफ करते समय उसे उसका नाम लिखा हुआ बर्थ सर्टिफिकेट मिला लेकिन जन्म तिथि गलत थी.


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जॉर्जियाई को शक था कि हो सकता है कि उसे गोद लिया गया हो. ऐसे में उसने अपने जैविक माता-पिता को ढूंढने के लिए फेसबुक ग्रुप बनाया. जिसका नाम 'वेदज़ेब' यानी 'मैं खोज रही हूं' रखा था. इस खोज के दौरान तमुना को एक व्यक्ति से मैसेज मिला कि वो एक ऐसी महिला को जानता है जिसने गर्भावस्था को छुपाया और सितंबर 1984 में जन्म दिया, लगभग उसी समय जब तमुना का जन्म हुआ था. हालांकि, जब उसने अपनी जन्म देने वाली मां से संपर्क करने की कोशिश की, तो महिला ने चिल्लाते हुए तमुना से कहा कि उसका कभी कोई बच्चा नहीं हुआ.


कैसे मिली मां?


इसके बाद तमुना ने फिर से फेसबुक पर एक अपील की, जिसमें पूछा गया कि क्या कोई उसकी मां को जानता है? तमुना के सवाल के जवाब में एक महिला ने जवाब दिया कि उसने कहा कि उसकी चाची ने गर्भावस्था को छुपाया था और वो डीएनए टेस्ट कराने के लिए सहमत हुई. जब DNA रिपोर्ट सामने आई तो यह पुष्टि हुई कि तमुना और फेसबुक पर महिला चचेरी बहनें थीं, जिसका मतलब है कि जिस महिला को तमुना ने बुलाया था, वह वास्तव में उसकी मां थी.


3 साल से फेसबुक फ्रेंड था पिता


इसके बाद उसने जब अपनी मां से अपने पिता का नाम पूछा तो उन्होंने गुरगेन कोरावा नाम के एक व्यक्ति को उसका पिता बताया. तमुना कहां रुकने वाली थी. उसने फिरसे अपने पिता की खोज शुरू कर दी. हालांकि उसे ये जानकर बहुत हैरानी हुई कि गुरगेन पहले से ही उसका दोस्त था और पिछले तीन सालों से उसके पिता को खोजने की कोशिश में उसकी कहानी पर नज़र रखे हुए था. साथ ही तमुना की सारी गतिविधियों पर नजर रखे हुए था.


शिशु तस्करी का भी हुआ खुलासा


हालांकि जब वो अपने माता-पिता की तलाश कर रही थी तो इस दौरान एक हैरान कर देने वाले घोटाला भी सामने आया. दरअसल इस खोज के दौरान एक बड़े शिशु तस्करी घोटाले का पता लगा. जांच में पाया गया कि तीन दशक से भी ज्यादा समय तक, जॉर्जिया में हजारों परिवारों को धोखा दिया गया, यानी जिनके यहां बच्चों के पैदाइश होती थी उन्हें ये कह दिया जाता था कि उनके बच्चे जन्म के समय ही मर गए. जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होता था. इसके पीछे शिशुओं की तस्करी का काला बाजार जारी था. ऐसे में कहा जा सकता है कि जॉर्जिया के अंदर हजारों लोगों को उनके असल माता-पिता के बारे में ही नहीं पता.