Paraguay Nanawa Town: पराग्वे (Paraguay) का अर्जेंटीना से लगता नानवा (Nanawa ) अब एक भुतहा शहर बनता जा रहा है. कभी इस बॉर्डर टाउन में पराग्वे के खरीदारों का अर्जेंटीना से सस्ता सामान खरीदने के लिए आना जाना लगा रहता है. अर्जेंटीना में वर्षों तक कमजोर पेसो (Peso)मुद्रा की वजह से वहां से तस्करी कर लाए जाने वाले ईंधन, दवा और किराने का सामान सस्ते पड़ते थे. लेकिन हालात बदल गए हैं. इसका कारण है पड़ोसी देश अर्जेंटीना में लगभग 300% मुद्रास्फीति के कारण कीमतों का तेजी से बढ़ना.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक नानावा में एक फार्मेसी कर्मचारी, 57 वर्षीय मार्टा ने कहा, 'पहले, चीजें बहुत अच्छी तरह से काम करती थीं, हम सब कुछ बेच देते थे अब कुछ भी नहीं बचा है. दो महीने से हम ऐसे ही हैं, शहर ख़त्म हो गया है.'


60-80% तक गिरी बिक्री
नानावा में दुकानदारों ने अनुमान लगाया कि दिसंबर में जेवियर माइली के अर्जेंटीना के राष्ट्रपति बनने के बाद से बिक्री 60-80% के बीच गिर गई है. जब से उन्होंने आधिकारिक पेसो मुद्रा का तेजी से अवमूल्यन किया और खर्च कम करने की कोशिशें शुरू कीं.


तब से पेसो को नियंत्रित 'क्रॉलिंग-पेग' पर प्रति माह केवल 2% मूल्यह्रास करने की अनुमति दी गई है, और मासिक मुद्रास्फीति - धीमी होते हुए भी - हर महीने लगभग 10-20% रही है. इसका मतलब है कि डॉलर के संदर्भ में कीमतें बढ़ गई हैं.


इस बढ़त को ऐसे समझा जा सकता है कि 1 जनवरी को जिस चीज की कीमत 1,000 पेसोस थी तो उस दिन आधिकारिक विनिमय दर पर उसकी कीमत 1.24 डॉलर रही होगी. अप्रैल में 65% संचित मुद्रास्फीति के साथ, उसी उत्पाद की कीमत 30 अप्रैल को 1,650 पेसोस होगी, यानि 1.88 डॉलर होगी, जो 50% से अधिक की वृद्धि है.


अब हमारे पास चाय पीने का समय है
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक  नानावा में, 36 वर्षीय सुपरमार्केट कर्मचारी राकेल अल्वारेंगा ने कहा कि पहले सस्ते अर्जेंटीना आयात की बढ़ती मांग की वजह से स्टोर को ग्राहकों की संख्या से निपटने के लिए अपने दरवाजे के बाहर विस्तार करना पड़ा. अब वह ख़त्म हो चुका है.


अल्वारेंगा ने कहा, 'यह काफी नुकसानदायक रहा है. बिक्री में 50% की गिरावट आई है और इसका व्यापार पर असर पड़ रहा है...अर्जेंटीना के व्यापारी लगातार अपनी कीमतें आसमान पर बढ़ा रहे हैं. वे हर दिन बदलते हैं.' उन्होंने कहा, 'पहले हमें दुकान के बाहर तक लोगों को सामान देना पडता था. क्योंकि हम स्टोर में सभी को नहीं बुला सकते थे. अब हमारे पास टेरेरे (स्थानीय चाय) पीने का समय है.'


Photo courtesy: Reuters