2024 EU elections: यूरोपीय संघ (EU) के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी दलों ने रविवार को हुए संसदीय चुनावों में बड़ी सफलता हासिल की है. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की कट्टर दक्षिणपंथी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ने यूरोपीय संसदीय चुनाव में सबसे अधिक वोट हासिल किए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शुरुआती नतीजों के आधार पर अनुमानित रिजल्ट के अनुसार, इटली के ब्रदर्स पार्टी ने 28.3% जीत हासिल की है जो 2019 में हुए पिछले यूरोपीय संघ चुनाव से चार गुना से अधिक है. दिलचस्प बात यह है कि यह आंकड़ा 2022 के नेशनल इलेक्शन में हासिल किए गए 26% वोट से भी ज्यादा है. 


यूरोपीय यूनियन में इस शानदार जीत के बाद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर धन्यवाद देते हुए लिखा है कि हमारी पार्टी पिछले चुनाव के नतीजों को पीछे छोड़ रही है.



वामपंथी पार्टी दूसरे स्थान पर


वहीं, विपक्षी वामपंथी पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी 23.7 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे स्थान पर रही. एक अन्य विपक्षी समूह 5-स्टार मूवमेंट 10.5 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे स्थान पर रही. 2009 की स्थापना के बाद से 5-स्टार मूवमेंट पार्टी का यह सबसे खराब प्रदर्शन है.


इटली में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल फोर्जा इटालिया पार्टी की सीनेटर लिसिया रोन्जुल्ली ने कहा है कि मुझे लगता है कि यह वोट निश्चित रूप से सरकार को मजबूत करने वाला है. फोर्जा इटालिया पार्टी 10% वोट के साथ चौथे स्थान पर रही.


क्यों मिली बंपर जीत


मेलोनी की पार्टी की जड़े एक नव-फासीवादी पार्टी वाली है. 2022 में पार्टी की जीत ने पूरे यूरोप में एक अलग तरह का माहौल तैयार कर दिया था. यही वजह है कि यूरोपीय यूनियन में उसे बंपर जीत मिली है.


हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेलोनी ने अपनी छवि को नरम रखा है. पहले की तरह यूरोपीय संघ विरोधी बयानबाजी छोड़ दिया है और खुद को मेनस्ट्रीम सेंटर-राइट और नेशनल कंजर्वेटिव कैम्प के बीच एक ब्रिज के रूप में प्रस्तुत किया है. जिससे रविवार को यूरोपीय यूनियन में पार्टी का मजबूत प्रदर्शन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की पार्टी से विपरीत रहा. 


मेलोनी की पार्टी की यह जीत इटली के लिए निर्णायक साबित हो सकता है. यदि पार्टी यूरोपीय यूनियन की सेंटर राइट प्रसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लेयेन को दूसरे कार्यकाल के लिए समर्थन देने का फैसला करती है तो स्पष्ट रूप से इसका लाभ इटली को मिलेगा.