Exclusive: Iran के पूर्व राष्ट्रपति Mahmoud Ahmadinejad ने India से रिश्तों पर खुलकर की बात, China से बेहतर बताया
ईरान में सत्ता परिवर्तन के बाद से चीन से उसके रिश्तों को लेकर चर्चा चल रही है. वहीं, पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद को लगता है कि ईरान को भारत के साथ बेहतर संबंधों पर जोर देना चाहिए. उनका मानना है कि भारत के साथ ईरान के संबंध चीन की तुलना में मजबूत हो सकते हैं.
नई दिल्ली: ईरान और चीन (Iran-China) के रिश्ते चर्चा का विषय बने हुए हैं. खुद ईरान में ही इस रिश्ते को लेकर अटकलों का दौर जारी है. ऐसे में ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद (Mahmoud Ahmadinejad) ने चीन की तुलना में भारत के साथ बेहतर रिश्तों पर जोर दिया है. हमारी सहयोगी वेबसाइट WION के साथ बातचीत में अहमदीनेजाद ने कहा कि भारत के साथ ईरान के संबंध चीन की तुलना में मजबूत हो सकते हैं. क्योंकि दोनों देशों में रिश्तों को बेहतर बनाने की काफी संभावनाएं मौजूद हैं.
इस वजह से लोगों को हुआ Doubt
WION की ग्लोबल लीडरशिप सीरीज में ईरान-चीन के 25-वर्षीय सहयोग कार्यक्रम (Iran-China 25-year Cooperation Program) के बारे में बोलते हुए पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद (Mahmoud Ahmadinejad) ने कहा कि ईरान और भारत (Iran & India) के बीच सहयोग की क्षमता चीन के मुकाबले काफी अधिक है. उन्होंने आगे कहा, ‘ईरान में चीन को लेकर बहुत बहस हुई है और अब भी जारी है. जहां तक बात चीन के साथ डील की है, तो इस बारे में स्पष्ट जानकारी प्रकाशित नहीं की गई, इसलिए लोग इसे संदेह की नजर से देख रहे हैं’.
Afghan के हाल पर US को बनाया निशाना
भारत के साथ बेहतर रिश्तों पर जोर देते हुए महमूद अहमदीनेजाद ने कहा, ‘आज हमारे पास हमारी क्षमता और समानता के लिए संचार के संसाधन बेहद कम हैं. एक मौलिक रणनीति के रूप में हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए कि हम अधिकतम उपलब्ध क्षमता का उपयोग करें’. ईरान के पूर्व राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों (US Troops) की वापसी पर भी बात की. उन्होंने सैनिकों की वापसी को लेकर यूएस सरकार की आलोचना की.
‘Taliban का समर्थन कर रहा America’
WION की कार्यकारी संपादक पलकी शर्मा उपाध्याय (Palki Sharma Upadhyay) के साथ अफगानिस्तान में वर्तमान स्थिति के बारे में बोलते हुए अहमदीनेजाद ने कहा, ‘मेरा मानना है कि तालिबान (Taliban) अमेरिकी साजिश का हिस्सा है. अमेरिका भले ही प्रत्यक्ष तौर पर अफगान से चला गया है, लेकिन वो अप्रत्यक्ष तौर पर वहां मौजूद है और तालिबान का समर्थन कर रहा है’. अहमदीनेजाद अफगानिस्तान के पड़ोसियों की भूमिका को लेकर भी नाराज दिखे.
PAK-Taliban गठजोड़ होगा खतरनाक
यह पूछे जाने पर कि अफगानिस्तान में कौन दखल दे रहा है? अहमदीनेजाद ने कहा, 'सभी पड़ोसी’. पूर्व राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को भी निशाने पर लेते हुए अफगानिस्तान में उसकी बढ़ती दखलंदाजी पर कड़ी नाराजगी जताई और दुनिया को यह बताने का प्रयास किया कि पाक-तालिबान गठजोड़ खतरनाक हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘दुनिया के किसी भी हिस्से में कोई भी, जो खुद को एक धर्म के प्रतीक के रूप में पेश करता है और हथियारों के जरिए दूसरों पर अपनी इच्छा थोपने का प्रयास करता है, वो विश्व के सभी देशों के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है’.
National Trust Restore करना चुनौती
उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि तालिबान का समर्थन करने वालों को पता होना चाहिए कि अगर तालिबान ने खुद पहले की तरह स्थापित कर लिया, तो वो समर्थन करने वालों के खिलाफ भी विद्रोह कर सकता है और सुरक्षा-व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकता है. ईरान के वर्तमान नेतृत्व के बारे में बोलते हुए अहमदीनेजाद ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले इब्राहिम रायसी (Ebrahim Raisi) को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना होगा, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है ईरान के लोगों का विश्वास जीतना. बता दें कि अहमदीनेजाद उन कई उम्मीदवारों में से एक थे, जिन्हें ईरान की गार्जियन काउंसिल द्वारा इस साल के चुनाव में भाग लेने से रोक दिया गया था. उन्होंने इससे पहले 2021 के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान से इनकार कर दिया था.