अमेरिका को उम्मीद, आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाएगा पाकिस्तान
डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिका को ‘‘झूठ और धोखे’’ के सिवाए कुछ नहीं देने और पिछले 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की सहायता के बदले में आतंकवादियों को ‘‘पनाहगाह’’ देने का आरोप लगाया था.
वॉशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उनका देश पाकिस्तान से उम्मीद करता है कि वह उसकी जमीन से अपनी गतिविधियां चला रहे आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाएगा. इसके अलावा व्हाइट हाउस ने आज कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को तेज करने की आवश्यकता है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान को एक ‘‘महत्वपूर्ण सहयोगी’’ करार दिया और कहा कि इस्लामाबाद पहले से जानता है कि उसे क्या करने की आवश्यकता है. हीथर ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान से उम्मीद करते हैं... अमेरिका पाकिस्तान से उम्मीद करता है कि वह हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए जो उसकी जमीन से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण सहयोगी है. हमारे उस क्षेत्र में कई मसले हैं. पाकिस्तान उनके बारे में जानता है, हम सभी उनके बारे में जानते हैं और हम साथ मिलकर उनमें से कुछ पर सावधानीपूर्वक काम करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं यह कहना नहीं चाहती कि पाकिस्तान और क्या कर सकता है लेकिन पाकिस्तान जानता है कि उसे क्या करने की आवश्यकता है.’’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी नेतृत्व की आलोचना की थी और पाकिस्तान पर अमेरिका को ‘‘झूठ और धोखे’’ के सिवाए कुछ नहीं देने और पिछले 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की सहायता के बदले में आतंकवादियों को ‘‘पनाहगाह’’ देने का आरोप लगाया था. हीथर ने इन्हीं ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही.
निक्की हेली ने कहा, पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता बंद करना चाहता है अमेरिका
हीथर ने पाकिस्तान को 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सैन्य सहायता रोकने के अमेरिका के फैसले के बारे में कहा कि यह निर्णय अगस्त में लिया गया था और पाकिस्तान को ईमानदारी से कदम उठाकर इस प्रकार की सहायता को ‘‘कमाने’’ की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान की यात्रा करने वाले रक्षा मंत्री जिम मैटिस और विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने पाकिस्तानी नेतृत्व को यही संदेश दिया था.
इस बीच, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने भी अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम जानते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद का मुकाबला करने और उसे रोकने के लिए और कदम उठा सकता है और हम चाहते हैं कि वह अपने प्रयास तेज करे.’’ सारा ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने में असफल रहा है इसलिए ट्रंप ये सभी कदम उठा रहे हैं.
अमेरिका ने पाक को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सहायता राशि रोकी
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सैन्य सहायता राशि फिलहाल रोक दी है. व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसी सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद का किस तरह जवाब देता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिका को ‘झूठ और धोखे’ के सिवाए कुछ ना देने और पिछले 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की सहायता देने के बदले में आतंकवादियों को ‘पनाहगाह’ देने का आरोप लगाया. इसके बाद ही अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की.
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, 'अमेरिका की इस समय पाकिस्तान के लिए वित्त वर्ष 2016 में 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की राशि खर्च करने की योजना नहीं है.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका यह उम्मीद करता है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों और उग्रवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए.' अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान के सहयोग के स्तर की समीक्षा करता रहेगा.
(इनपुट एजेंसी से भी)