India-Iran: भारत-ईरान के बीच हुए चाबहार बंदरगाह पोर्ट समझौते के बाद अमेरिकी की तरफ से आई चेतावनी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि लोगों को 'तंग नजरिया' नहीं रखना चाहिए क्योंकि प्रोजेक्ट से 'सभी को लाभ होगा.'


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बता दें भारत ने सोमवार (13 मई) को सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ईरान के चाबहार बंदरगाह को ऑपरेट करने के लिए 10 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए है. इस समझौते नई दिल्ली को मध्य एशिया के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी.


जयशंकर ने मंगलवार को कहा, 'मैंने कुछ टिप्पणियां देखीं लेकिन यह लोगों से संवाद करने, समझाने और समझने का सवाल है कि यह (चाबहार पोर्ट समझौता) वास्तव में सभी के लाभ के लिए है. मुझे नहीं लगता कि लोगों को इसके बारे में संकीर्ण दृष्टिकोण रखना चाहिए और उन्होंने अतीत में ऐसा नहीं किया है.'


अतीत में अमेरिका का व्यवहार देखें
विदेश मंत्री ने कहा, 'यदि आप अतीत में चाबहार के प्रति अमेरिका के अपने रवैये को भी देखें, तो पाएंगे कि अमेरिका इस तथ्य की सराहना करता रहा है कि चाबहार की व्यापक प्रासंगिकता है. तो हम इस पर काम करेंगे.'  जयशंकर ने कोलकाता में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल द्वारा की गई कमेंट्स पर यह बात कही.


अमेरिका ने क्या चेतावनी दी है?
इससे पहले चाबहार समझौते को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था, 'हम इन खबरों से अवगत हैं कि ईरान और भारत ने चाबहार बंदरगाह से संबंधित एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. मैं चाहूंगा कि भारत सरकार चाबहार बंदरगाह और ईरान के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों पर बात करे.'


उप प्रवक्ता ने कहा, 'मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि चूंकि यह अमेरिका से संबंधित है, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू हैं और हम उन्हें बरकरार रखेंगे.'


पटेल ने कहा, 'आपने हमें कई मामलों में यह कहते हुए सुना है कि कोई भी इकाई, कोई भी व्यक्ति जो ईरान के साथ व्यापारिक समझौते पर विचार कर रहा है, उन्हें संभावित जोखिम और प्रतिबंधों के बारे में पता होना चाहिए.'


(इनपुट - एजेंसी)