भारत में घर जैसा महसूस करता हूं : यू एन महासचिव बान की मून
भारत से जुड़ी अपने ‘अद्भुत’ यादों का स्मरण करते हुये संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा कि भारत में उन्हें घर जैसा महसूस होता है और 1972 में अपने राजनयिक कैरियर की शुरूआत करने के समय नयी दिल्ली के जिस पुराने घर में वह रहते थे उसका फोन नंबर उन्हें अभी भी याद है।
संयुक्त राष्ट्र: भारत से जुड़ी अपने ‘अद्भुत’ यादों का स्मरण करते हुये संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा कि भारत में उन्हें घर जैसा महसूस होता है और 1972 में अपने राजनयिक कैरियर की शुरूआत करने के समय नयी दिल्ली के जिस पुराने घर में वह रहते थे उसका फोन नंबर उन्हें अभी भी याद है।
इस महीने के शुरू में नयी दिल्ली और गुजरात का दौरा करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान ने कहा कि क्योंकि 2015 में संयुक्त राष्ट्र के महत्वाकांक्षी विकास एजेंडे की सफलता में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी इसलिए उन्होंने इस महत्वपूर्ण वर्ष की शुरूआत भारत यात्रा से की थी। 70 वर्षीय बान ने कहा कि जब वह साबरमती गांधी आश्रम के दौरे पर गये थे, उस समय महापुरूष’ महात्मा गांधी के खतों को देख अभिभूत हो गये।
भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने संदेश में उन्होंने कहा ‘मुझे उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी भी परिलक्षित होती है। महात्मा गांधी शांति के पुरोधा, मानवाधिकार के रक्षक और गरीबों के सशक्तीकरण की वकालत करने वाले थे। संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में इसी तरह के मूल्यों को समाहित किया गया है। ऐसे में आश्चर्य नहीं कि भारत में मुझे घर जैसा महसूस होता है।’ उन्होंने कहा ‘‘मुझे अभी भी अपने पुराने घर का फोन नंबर याद है।’ उन्होंने कहा कि यात्रा ने उनकी ‘शानदार यादों’ को जीवंत कर दिया।
नयी दिल्ली के दक्षिण कोरिया दूतावास में 43 साल पहले डिप्टी कौंसलर तौर पर अपना राजनयिक कैरियर शुरू करने वाले बान ने कई मौकों और संयुक्त राष्ट्र में महासचिव रहते हुये चार बार भारत का दौरा किया है। हाल के भारत दौरे के दौरान बान ने नयी दिल्ली में वसंत विहार स्थित अपने दिवंगत मकान मालिक की पत्नी से मुलाकात की थी।