सिडनी: ऑस्ट्रेलिया (Australia) के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट (Tony Abbott) ने भारत (India) के साथ रिश्तों को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनने के बाद चीन (China) को मिर्ची लगनी तय है. एबॉट ने कहा है कि चीन के बारे में जितने भी सवाल उठ रहे हैं, उनका एकमात्र जवाब है भारत. पिछले हफ्ते भारत की यात्रा पर आए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम ने एक लेख में कहा है कि चीन के बारे में जितने भी सवाल हैं, उन सवालों का जवाब भारत है. नई दिल्ली को चाहिए कि वो जल्द से जल्द वैश्विक बाजार में अपनी दावेदारी को मजबूत करे. 


PM Narendra Modi की तारीफ


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम (Former Australian PM) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तारीफ करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में अभूतपूर्व सुधार आया है. 2015 तक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री रहे टोनी एबॉट ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौता (Free-Trade Agreement) चीन के खिलाफ जा रहे लोकतांत्रित देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण संकेत होगा. 


ये भी पढ़ें -Bird Attack: Park में महिला पर Magpie ने मारा झपट्टा, लड़खड़ाकर जमीन पर गिरी और चली गई बच्ची की जान


India का साथ सबके हित में


‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के विशेष दूत और पूर्व पीएम टोनी एबॉट का यह लेख ऑस्ट्रेलियन अखबार में प्रकाशित हुआ है. लेख में उन्होंने लिखा है कि दुनिया की दूसरी उभरती महाशक्तियां लगभग दिन-ब-दिन और अधिक जुझारू होती जा रही हैं, यह सभी के हित में है कि भारत जल्द से जल्द ऐसे देशों के बीच अपना सही स्थान ग्रहण करे.  


बूस्ट होगी Long-Term Prosperity


ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि चूंकी व्यापार सौदे राजनीति के साथ साथ अर्थशास्त्र को लेकर भी होते हैं और भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच एक मुक्त व्यापार सौदा चीन के खिलाफ एक साथ आ रहे लोकतांत्रिक देशों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत होगा, साथ ही भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दीर्धकालिक समृद्धि को बढ़ावा देगा. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के तौर पर टोनी एबॉट ने चीन के साथ एक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता (Bilateral Free-Trade Deal) लागू किया था, जो 2015 में प्रभावी हुआ. 


Dragon से अब अच्छे नहीं हैं रिश्ते


ऑस्ट्रेलिया-चीन समझौते से एक साल पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की आधिकारिक यात्रा की मेजबानी टोनी एबॉट ने की थी और उस दौरान ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंध काफी मजबूत दिखाई दे रहे थे. लेकिन इसके बाद कई मुद्दों को लेकर दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ते चले गए. इसमें कोरोना महामारी, चीनी कंपनी Huawei पर बैन और ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में चीनी दखल के आरोप प्रमुख हैं. टोनी एबॉट ने यह आरोप भी लगाया था कि चीन ऑस्ट्रेलिया के उत्पादों का बहिष्कार कर रहा है.