France Election News: फ्रांस चुनाव के नतीजों ने सबको चौंका दिया है. तमाम दावों और आकलन के विपरीत देश में लेफ्ट गठबंधन सबसे ज्यादा सीटों के साथ पहले नंबर पर आया है. जबकि बेहद मजबूत माना जा रहा है दक्षिणपंथी गठबंधन तीसरे नंबर पर रहा. हालांकि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. 


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सीएनएन के मुताबिक फ्रांस के गृह मंत्रालय ने रविवार को हुए चुनाव के अंतिम नतीजों कनफर्म करते हुए बताया कि सबसे ज्यादा 182 सीटें पैन-लेफ्ट गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट ने जीतीं. 


इमैनुएल मैक्रों की मध्यमार्गी एनसेंबल पार्टी ने 163 सीटें जीतीं. जीत का दावेदार माना जा रहा धुर दक्षिणपंथी गठबंधन तीसरे नंबर पर रहा. नेशनल रैली और सहयोगी सिर्फ 143 सीटें ही जीत सका. मंत्रालय ने बताया कि मतदान देश में 66.63% मतदान हुआ.


कोई पार्टी बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई
हालांकि किसी भी पार्टी ने पूर्ण बहुमत के लिए ज़रूरी 289 सीटें नहीं जीती हैं, जिससे ऐसा लगता है कि फ्रांस और ज्यादा राजनीतिक अनिश्चितता में फंस सकता है. किसी भी पार्टी के बहुमत हासिल करने के करीब न होने की वजह से, संसद के तीन ब्लॉकों - वामपंथी, मध्यमार्गी और दक्षिणपंथी में बंट जाने की संभावना है. तीन ही ब्लॉक के एजेंडे बहुत अलग-अलग हैं और देश में साथ मिलकर काम करने की कोई परंपरा नहीं रही है.


इमैनुएल मैक्रों के लिए बड़ा झटका 
चुनाव नतीजे मध्यमार्गी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के लिए भी एक झटका है. उन्होंने पिछले महीने यूरोपीय संसद के चुनावों में आरएन के हाथों अपनी हार के बाद राजनीतिक परिदृश्य को स्पष्ट करने के लिए अचानक चुनाव की घोषणा की थी. 


 



हालांकि अब उन्हें एक बेहद खंडित संसद मिली है, जो यूरोपीय संघ और विदेशों में फ्रांस की भूमिका को कमजोर कर सकती और किसी भी पार्टी के लिए घरेलू एजेंडे को आगे बढ़ाना मुश्किल बना सकती है. 


'देश के लिए बड़े राहत की बात'
अपने उत्साही समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए, फ्रांस अनबोड के फायरब्रांड नेता जीन-ल्यूक मेलेनचॉन ने कहा कि ये नतीजे 'हमारे देश के अधिकांश लोगों के लिए बड़ी राहत की बात है.' उन्होंने कहा, 'हमारे लोगों ने सबसे खराब स्थिति को स्पष्ट रूप से नकार दिया है. नागरिक लामबंदी की एक शानदार लहर ने जोर पकड़ लिया है!' बता दें अनबोड पार्टी न्यू पापुलर फ्रंट की मेंबर है. 


प्रधानमंत्री ने की इस्तीफे की घोषणा 
मैक्रों के समर्थक गेब्रियल अटाल ने सोमवार सुबह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. उन्होंने मैक्रों के अचानक मतदान बुलाने के फैसले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने फ्रांस की संसद को भंग करने का 'चयन नहीं किया.'


मैंक्रो की अपनी पार्टी से नहीं होगा पीएम
संसदीय चुनावों के बाद, आमतौर पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति सबसे ज़्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी से प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं. ज्यादातर मौकों पर यह शख्स राष्ट्रपति की ही पार्टी का होता है. हालांकि, रविवार के नतीजों के बाद मैक्रों को वामपंथी गठबंधन से किसी व्यक्ति को नियुक्त करने की संभावना का सामना करना पड़ सकता है. स्टेलिनग्राद स्क्वायर के पास समर्थकों को संबोधित करते हुए लेफ्ट नेता मेलेनचॉन ने कहा कि मैक्रों का 'यह कर्तव्य है कि वे न्यू पॉपुलर फ्रंट को शासन के लिए बुलाएं.'


क्या फैसला लेंगे मैक्रों
रॉयटर्स के मुताबिक संविधान के मुताबिक मैक्रों वामपंथी समूह से सरकार बनाने के लिए कहने के लिए बाध्य नहीं हैं. हालांकि ऐसा करना परंपरा के मुताबिक होगा क्योंकि यह संसद में सबसे बड़ा समूह है. 


मैकों की तरफ से उनके अगले कदम के बारे में कोई संकेत नहीं दिया गया. उनके एक करीबी ने बताया, 'आज रात और आने वाले दिनों में हमें खुद से यह सवाल पूछना होगा: कौन सा गठबंधन शासन करने के लिए 289 सीटों तक पहुंचने में सक्षम है.'


(Photo Courtesy- Reuters)