Qatar: फीफा वर्ल्‍ड कप 2022 का आयोजन कतर में हो रहा है. इस मध्य-पूर्व देश में मुस्लिम आबादी लगभग 65 फीसदी है, वहीं 15 फीसदी आबादी हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की है. यहां फुटबॉल वर्ल्ड कप के उद्घाटन को लेकर बवाल मच गया है. हुआ यूं कि भारत से भगोड़ा घोषित जाकिर नाईक को वर्ल्‍ड कप की ओपनिंग सेरेमनी में निमंत्रण दिया गया था. ये खबर पता चलने के बाद से ही भारत ने इसका कड़ा विरोध जताया था, भारत की तरफ से साफ कह दिया गया था कि अगर ऐसा होता है तो उपराष्ट्रपति धनकड़ 20 नवंबर को होने वाली ओपनिंग सेरेमनी में हिस्‍सा नहीं लेंगे. अब कतर की तरफ से सफाई दी गई है कि दोनों देशों के रिश्ते खराब करने के लिए ये अफवाह किसी तीसरे देश ने फैलाई थे. क्‍या है पूरा मामला आइए जानते हैं.        


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जाकिर नाईक को ओपनिंग सेरेमनी में बुलाया!  


कतर दोहा में चल रहे FIFA फुटबॉल वर्ल्ड कप की ओपनिंग सेरेमनी 20 नवंबर हुई थी. जिसमें इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाईक भी शामिल हुआ था. उसके बाद से ऐसा दावा किया जा रहा था कि भारत से भगोड़ा घोषित हो चुका जाकिर नाईक को कतर ने निमंत्रण दिया था. इसके बाद से ही भारत ने इस बात का कड़ा विरोध जताया था और कतर को तलब करते हुए कहा था कि अगर कतर ने जानबूझकर जाकिर नाईक को न्योता दिया है तो भारत के वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धनकड़ को मजबूरन अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ेगी.हालांकि आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति धनकड़ ने 20 नवंबर को फीफा की ओपनिंग सेरेमनी में हिस्‍सा लिया था.


क्‍या है पूरा मामला 


इस मामले ने तब तूल पकड़ा, जब अमेरिका के वाशिंगटन की एक संस्था मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने रिपोर्ट में कहा था कि कतर ने दवाह से जुड़े इस्लामिक धार्मिक उपदेशक जाकिर नाइक को फीफा की ओपनिंग सेरेमनी में बुलाया है. आपको बता दें कि दवाह एक इस्लामिक प्रैक्टिस है जहां गैर मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराया जाता है, और इस्लाम धर्म अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है. अब कतर पर यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि कतर इस ओपनिंग सेरेमनी के जरिए दवाह को गैर मुस्लिमों तक पहुंचा रहा है. कतर के शाही परिवार और जाकिर नाईक के फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. सेरेमनी की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है जिनमें जाकिर नाईक को आसानी से देखा जा सकता है.


भगोड़ा घोषित है जाकिर नाईक 


जाकिर नाईक को भारत ने 2017 में ही भगोड़ा घोषित कर दिया था और उस प्रतिबंध लगा दिए थे. जाकिर नाईक पर गैर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप है और साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप हैं. उसके बाद से ही भारतीय जांच एजेंसियां उसकी तलाश में लगी हैं. इन दिनों वह मलेशिया में शरण लिए हुए है. कनाडा और ब्रिटेन की सरकारों ने पहले ही जाकिर नाईक पर प्रतिबंध लगा रखा है.  


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