Bangladesh Hindu Crisis Update: तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लगातार हिंसा हो रही है. जिन हिंदुओ को धर्म के नाम पर मारा जा रहा है, कट्टरपंथी अब उन्ही से उगाही कर रहे है है. उनसे औरंगजेब की तरह जजिया टैक्स वसूला जा रहा है. बांग्लादेश में बचे हुए हिंदुओं से अब कट्टरपंथी जमात प्रोटेक्शन मनी मांग रहे हैं. फिरौती मांग रहे है.


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मकान-दुकान न जलाने के लिए मांगा जा रहा पैसा


हिंदुओं से उनकी जमीन, मकान और दुकानें को ना जलाने के लिए पैसा मांगा जा रहा है. इसके लिए कट्टरपंथियों ने बाकायदा रेट तय कर दिए है. संदेश दे दिया गया है कि अगर अपनी जमीन बचानी है तो पांच लाख टका दो वरना जिंदगी भी जाएगी और जमीन तो जाएगी ही.


बांग्लादेश की आबादी में तकरीबन 8 प्रतिशत हिंदू हैं. हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 250 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 5 हिंदुओं की मौत की पुष्टि भी हो चुकी है. हिदुओं की बस्ती जलाई जा रही है. हिंदू महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है और जो हिंदू बचे है. उनसे अब वसूली की जा रही है. बांग्लादेश में हिंदुओं से जजिया टैक्स यानी प्रोटेक्शन मनी की उगाही को लेकर हमने उन लोगों से भी बात की, जिन्होंने बांग्लादेश में लंबा समय बिताया है. 


भारतीय उपमहाद्वीप में धर्म के नाम पर गैर मुस्लिमों से पैसा वसूलने का पुराना इतिहास रहा है. इस इतिहास में एक बड़ा चैप्टर है मुगल बादशाह औरंगजेब से जुड़ा हुआ. 


किन मुस्लिम सुल्तानों के राज में हुआ हिंदुओं पर अत्याचार


सबसे पहले दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर बैठे अलाउद्दीन खिलजी ने गैर मुस्लिमों पर जजिया कर लगाया था. 1389 में जब कश्मीर में सिकंदर बुतकशिन का राज आया तो उसने भी गैर मुस्लिमों पर टैक्स लगा दिया जो जजिया जैसा ही था. इसी दौर में गुजरात के एक हिस्से पर राज करने वाले अहमद शाह ने भी गैर मुस्लिमों के मजहब के आधार पर टैक्स लगाया था. मुगल सल्तनत के मजबूत होने के बाद अकबर ने जजिया की प्रथा को खत्म किया गया लेकिन 1679 में औरगंजेब ने दोबारा जजिया कर को लागू कर दिया था.


अब यही जजिया टैक्स बांग्लादेश के हिंदुओं पर भी थोप दिया गया है. यानी प्रोजेक्शन मनी के साथ ही साथ कट्टरपंथियों की हिंसा भी हिंदुओं का जीना मुश्किल कर रही है. 


ठाकुरगांव में कट्टरपंथियों ने एक हिंदू परिवार को निशाना बनाने के लिए हमला किया था. इस परिवार के घर में आग लगा दी गई थी लेकिन आग दूसरे घरों और स्थानीय मंदिर तक फैल गई थी. चौबीस घंटों के अंदर ऐसी ही एक और तस्वीर सामने आई बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले से, जहां रात के अंधेरे में कट्टरपंथियों ने हिंदू आबादी वाले एक गांव में आग लगा दी. लोगों के घर और खेत खलिहान फूंक दिए गए. हैरान करने वाली बात ये थी कि इन हिंदुओं की मदद के लिए ना पुलिस आई और ना ही फायर ब्रिगेड. अल्पसंख्यक हिंदुओं को खुद ही सुलगते शोलों से दो दो हाथ करने पड़े. 


हैरानी में हैं बांग्लादेश के हिंदू


हिंसा प्रभावित हिंदू अब तक ये स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि जिन लोगों के साथ उन्होंने हफ्ते भर पहले राजनीतिक बदलाव की खुशी मनाई थी. वही आज उनकी जान के शत्रु बने बैठे हैं. 


बांग्लादेशी हिंदुओं की इसी पीड़ा को लेकर भारत के नागरिक भी चिंतित हैं. देश के अलग अलग शहरों में मार्च निकाले जा रहे हैं. बांग्लादेश की हालत को लेकर खुद पीएम मोदी ने अंतरिम प्रधानंत्री मोहम्मद यूनुस से बात की है. लेकिन एक ऐसा देश है. उस देश के कुछ ऐसे काले किरदार हैं. जो बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को अपनी कामयाबी मान रहे हैं.


ऐसा ही एक जहरीला चेहरा है पाकिस्तान में लश्कर का आतंकी, जिसका नाम है आमिर हमजा. उसके जहरीले बोल ये बताने के लिए काफी हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ वही गुट, वही लोग हिंसा कर रहे हैं. जिनकी सोच में पाकिस्तान का टेरर डीएनए आज भी मौजूद है. बांग्लादेश में अत्याचारों के शिकार हिंदुओं के अधिकार की मांग लेकर आज दिल्ली में भी मार्च निकाला गया. इस मार्च को नाम दिया गया था नारी शक्ति मार्च.


दिल्ली में निकाला गया नारी शक्ति मार्च


इस मार्च को नारी शक्ति फोरम ने आयोजित किया था. इस मार्च में सैकड़ों लोग शामिल हुए थे. मार्च मंडी हाउस से शुरु हुआ था और जंतर मंतर पर जाकर खत्म हुआ. मार्च में बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज, जेएनयू की वाइस चांसलर शांति श्री जैसे चेहरे शामिल हुए. इस मार्च की थीम रखी गई थी हिंदू लाइव्स मैटर्स. बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से लगातार स्थानीय हिंदू कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. सिर्फ दिल्ली ही नहीं देश के अलग अलग शहरों में बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के समर्थन में प्रदर्शन और मार्च हो रहे हैं.


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