Spain: चर्च के भीतर विराजे भगवान गणपति, कट गया बवाल; पादरी को पड़ गए लेने के देने
Bhagwan Ganesh in Church of Spain: दुर्लभ घटनाक्रम से जुड़े वीडियो में चर्च में मौजूद श्रद्धालुओं को गणपति बप्पा के स्वागत में ताली बजाते हुए और संगीत के साथ अगवानी करते देखा गया. कई विदेशी श्रद्धालु इस दौरान गणेश भगवान की भव्य मूर्ति (Ganesh Idol) की तस्वीरें लेते नजर आये.
Bhagwan Ganesh in Catholic Church: स्पेन (Spain) में आज से चार साल पहले 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के मौके पर एक दुर्लभ नजारा देखने को मिला. भारत में गंगा जमुना तहजीब की बातें और तस्वीरें आपने खूब देखी सुनी होंगी लेकिन स्पेन में जो हुआ उसके बारे में तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा. दरअसल गणपति उत्सव के दौरान चर्च के बिशप ने बप्पा की पालकी को चर्च के भीतर आने का न्योता दिया था, हालांकि कुछ लोगों को ये फैसला पसंद नहीं आया जिसके बाद हुए विवाद के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
पालकी निकालने के लिए था निवेदन
स्पेन (Spain) में भारतीय मूल के कुछ लोगों ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेशोत्सव (Ganesh Festival) का आयोजन किया. गणपति मंडल के लोगों ने चर्च (Church) के अधिकारियों से पूछा कि क्या वो अपने भगवान (Lord God) गणेश जी की प्रतिमा को चर्च के सामने से ले जा सकते है. ऐसा इसलिए क्योंकि उस समय चर्च में प्रार्थना का समय होता था. बप्पा की पालकी को चर्च के नजदीक से गुजरना था इसलिए चर्च से इजाजत लेने के लिए ये निवेदन किया गया था.
पादरी ने दिया अद्भुत जवाब
जवाब में चर्च के अधिकारियों ने गणपति भक्तों से कहा कि वे जाते समय अपने गणपति बप्पा को कुछ मिनटों के लिये चर्च के अंदर ले आयें ताकि दोनों भगवान एक दूसरे से मिल सकें, भला इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है.
वायरल हुआ था वीडियो
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर हाथोहाथ वायरल हुआ. स्पेनिश ब्रॉडकास्टर की ओर से ये इस दुर्लभ धार्मिक घटनाक्रम का वीडियो पोस्ट होते ही चंद घंटों में उसे लाखों व्यूज़ मिले थे.
(फोटो क्रेडिट वीडियो ग्रैब: FARO TV)
कट्टरपंथियों को नहीं पसंद आया पादरी का फैसला
हालांकि चर्च के बिशप ने धार्मिक सौहार्द और भाईचारे को बढ़ाने की वजह से गणपति बप्पा की पालकी को कैथोलिक चर्च के भीतर आने की इजाजत दी थी लेकिन कट्टरपंथी लोगों को ये फैसला पसंद नहीं आया. स्पेन के मीडिया हाउस The Daily Caller के मुताबिक जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो बिशप और इससे जुड़े अधिकारियों ने अपने फैसले के लिये माफी मांगी. वहीं बिशप ने इस विवाद के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया.