Gotabaya Rajapaksa waiting for US Green Card: श्रीलंका में सियासी उथल-पुथल के बाद देश छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अब अमेरिका की नागरिकता लेने की तैयारी में है. राजपक्षे, उनकी पत्नी और बेटे अमेरिका में बसने के लिए US ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं. राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर श्रीलंका में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए थे जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति पिछले महीने देश छोड़ कर भाग गये थे. इससे पहले वह मालदीव और फिर सिंगापुर में भी डेरा डाल चुके हैं लेकिन अब वह अमेरिका में बसने की तैयारी कर रहे हैं. 


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अमेरिकी नागरिक हैं गोटबाया की पत्नी


श्रीलंकाई अखबार डेली मिरर ने दावा किया कि अमेरिका में राजपक्षे के वकीलों ने ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए पिछले महीने ही प्रकिया शुरू कर दी थी. अपनी पत्नी लोमा राजपक्षे के अमेरिकी नागरिक होने के चलते पूर्व राष्ट्रपति यह आवेदन करने के लिए योग्य हैं. राजपक्षे ने 2019 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपनी अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी थी. राजपक्षे ने श्रीलंकाई थल सेना से समय पूर्व सेवानिवृत्ति ले ली और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चले गए. इसके बाद वह 1998 में अमेरिका प्रवास कर गए थे. वह 2005 में श्रीलंका लौटे थे.


खबर के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति अभी बैंकाक के एक होटल में अपनी पत्नी के साथ ठहरे हुए हैं और वह नवंबर तक थाईलैंड में रहने की अपनी शुरूआती प्लान कैंसिल करते हुए 25 अगस्त को श्रीलंका लौटने वाले हैं. बैंकाक में अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों को लेकर राजपक्षे से होटल के अंदर ही रहने को कहा है. गोटबाया के चचेरे भाई उदयंगा वीरातुंगा ने भी उनके श्रीलंका लौटने की पुष्टि की है. साल 2006 से 2015 तक रूस में श्रीलंका के राजदूत रहे वीरातुंगा ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे फोन पर बात की, मैं आपको बता सकता हूं कि वह अगले हफ्ते देश लौट आएंगे.’


विरोध प्रदर्शन के बाद छोड़ा था देश


राजपक्षे दूसरे देश में स्थायी शरण लेने से पहले अस्थायी प्रवास के लिए 11 अगस्त को एक स्पेशल प्लेन से सिंगापुर से थाईलैंड पहुंचे थे. वह उसी दिन बैंकॉक पहुंचे जिस दिन सिंगापुर में उनका वीजा खत्म हो गया था. थाइलैंड सरकार ने राजपक्षे के देश में अस्थायी रूप से रहने पर सहमति जता दी और इस दौरान राजपक्षे किसी तीसरे देश में स्थायी शरण मिलने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. थाइलैंड के प्रधानमंत्री ने मानवीय आधार पर राजपक्षे को थाइलैंड यात्रा की इजाजत दी थी और कहा था कि उन्होंने किसी अन्य देश में स्थायी शरण की अपनी तलाश के दौरान इस देश में राजनीतिक गतिविधियां नहीं चलाने का वादा किया है.


जुलाई में श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच देश छोड़ने के बाद गोटबाया सिंगापुर गये थे. वह 13 जुलाई को मालदीव पहुंचे थे और उसके बाद सिंगापुर गये जहां उन्होंने देश के आर्थिक संकट को लेकर प्रदर्शनों के बीच अपने इस्तीफे का ऐलान किया था. डेली मिरर अखबार की एक खबर में कहा गया था कि राजपक्षे 90 दिन का थाई वीजा खत्म होने के बाद नवंबर में श्रीलंका लौट आयेंगे लेकिन अब उनके अगले हफ्ते तक स्वदेश लौटने की योजना है.


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