लाहौर: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद को अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध निगरानी टीम के पाकिस्तान दौरे से पहले अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा है. उसने लाहौर उच्च न्यायालय में गिरफ्तारी से बचाव के लिये याचिका दायर करते हुये कहा कि सरकार भारत और अमेरिका के कहने पर उसे गिरफ्तार करना चाहती है. यूएनएससी की 1267 सेंक्शंस कमिटी की निगरानी समिति इस हफ्ते इस्लामाबाद का दौरा करेगी. समिति यह देखेगी कि पाकिस्तान विश्व निकाय के प्रतिबंध संबंधी आदेशों का अनुपालन कर रहा है या नहीं. दो दिवसीय दौरा गुरुवार (25 जनवरी) से शुरू होने की उम्मीद है.


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मीडिया में 22 जनवरी को आई खबरों में कहा गया था कि पाकिस्तान समिति को हाफिज सईद या उसके परिसरों तक सीधी पहुंच की इजाजत नहीं देगा. संभावित गिरफ्तारी की आशंका से घिरे सईद ने अपने वकील ए के डोगर के जरिये दायर याचिका में अदालत से सरकार को उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश देने की मांग की. हाफिज ने याचिका में अदालत से सरकार को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि उसके संगठनों पर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाए.


हाफिज सईद पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए : अमेरिका
अमेरिका ने बीते 18 जनवरी को कहा था कि जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद पर 'कानून की अंतिम सीमा तक' मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि अमेरिका उसे एक आतंकवादी मानता है. हाफिज को मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमांइड माना जाता है. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नॉर्ट ने गुरुवार (18 जनवरी) को कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को सईद के खिलाफ कार्रवाई करने का संदेश भेजा है.


इस हफ्ते के शुरू में जियो न्यूज को दिए गए साक्षात्कार में सईद के नाम में 'साहब' लगाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बानी पहले ही सईद पर मुकदमा नहीं चलाने का फैसला कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में उसके खिलाफ कोई मामला नहीं है. अब्बासी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए नॉर्ट ने कहा, "हम उसे एक आतंकवादी मानते हैं, जो विदेशी आतंकवादी संगठन का हिस्सा है. हम मानते हैं कि वह 2008 मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें अमेरिकियों के साथ कई लोग मारे गए."


(इनपुट एजेंसी से भी)