वॉशिंगटन: कोरोना (Coronavirus) महामारी से बचाव के उपायों में हैंड सैनिटाइजर (Hand Sanitizer) पहले नंबर पर आता है. डॉक्टर लोगों को बार-बार अपने हाथ सैनिटाइज करने की सलाह देते हैं, ताकि वायरस (Virus) शरीर में प्रवेश करने से पहले ही दम तोड़ दे. हालांकि, अमेरिका (America) में हुए एक रिसर्च ने हैंड सैनिटाइजर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. शोध में पता चला है कि कोरोना वायरस से निटपने में इस्तेमाल होने वाले इन सैनिटाइजर में ऐसे केमिकल्स हैं, जो कैंसर (Cancer) की वजह बन सकते हैं. वैलीजर (Valisure) नाम की अमेरिकी ऑनलाइन फार्मेसी कंपनी ने यह दावा किया है. यह कंपनी मेडिकल से जुड़े कई उत्पादों की क्वॉलिटी की जांच करती है. 


Benzene का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वैलीजर ने बताया कि सैनिटाइजर्स में बेन्जीन (Benzene) नामक केमिकल की मात्रा बहुत ज्यादा है. अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग का कहना है कि बेन्जीन कैंसर (Cancer) का कारक है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की कैंसर पर रिसर्च करने वाली एक इकाई का कहना है कि बेन्जीन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. वैलीजर को अपनी जांच में 168 ब्रांड्स के 260 बोतलों के सैंपल में बेन्जीन मिला है. इन 260 बोतलों में से 8 फीसदी यानी 21 बोतलों में बेन्जीन की मात्रा सबसे ज्यादा रही. कंपनी ने ऐसे हैंड सैनिटाइजर ब्रांड्स के नामों के बारे में भी जानकारी दी है.


ये भी पढ़ें -पावर के लिए चीन कर रहा कोरोना वैक्सीन का सौदा, लेकिन ड्रैगन की चाल हुई नाकाम


Companies के खिलाफ कार्रवाई की मांग


रिसर्च कंपनी का कहना है कि हालांकि, अधिकांश ब्रांड्स के सैनिटाइजर में Benzene नहीं है, लेकिन इससे युक्त कई सैनिटाइजर ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर बिक रहे हैं, जो खतरनाक हो सकते हैं. जिन सैनिटाइजर्स में बेन्जीन पाए गए, उनमें से अधिकतर जैल के रूप में थे. इस फॉर्मेसी के नतीजों को येल यूनिवर्सिटी के केमिकल एंड बायोफिजिकल इंस्ट्रुमेंटेशन सेंटर और बॉस्टन एनलिटिकल नाम की एक प्राइवेट लैब ने भी सही करार दिया है. बुधवार को ही वैलीजर ने फूड एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से सैनिटाइजर बनाने वाली इन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है.


ये हैं उन Hand Sanitizer के नाम


वैलीजर ने कहा है कि टेस्टिंग के नतीजे बेहद चिंताजनक हैं और लोगों के स्वास्थ्य के लिए संभावित जोखिम पैदा करते हैं. कंपनी ने कुछ समय पहले अमेरिका से बाहर बनने वाली कई दवाइयों में कार्सिनोजेन्स की ज्यादा मात्रा का खुलासा किया था. कार्सिनोजेन्स वो पदार्थ या रेडिएशन है जो कैंसर बढ़ाने वाली प्रक्रिया को बढ़ावा देता है. वैलीजर का कहना है कि संभावित रूप से सैंनिटाइजर के प्योरिफिकेशन प्रोसेस के दौरान उसमें बेन्जीन मिलाया गया होगा. इन दूषित सैनिटाइजर्स की लिस्ट में आर्टनैचुरल्स, सेन्टसेशनल सोप्स एंड कैडल्स इंक, द क्रेम शॉप जैसे ब्रांड्स का नाम है. एफडीए के आंकड़ों से पता चलता है कि इन सभी ब्रांड्स के प्रोडक्ट्स की अप्रैल या मई 2020 में भी टेस्टिंग की गई थी. आर्टनैचुरल्स के सैनिटाइजर में बेन्ज़ीन की मात्रा सबसे ज्यादा पाई गई है.


America और China में निर्मित


अमेरिकी कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, बेन्जीन ल्युकीमीया जैसे खतरनाम ब्लड कैंसर का कारक है. अमेरिका में कुल बेन्जीन एक्सपोजर का करीब आधा हिस्सा सिगरेट पीने की वजह से है. कुछ चिन्हित केमिकल इंडस्ट्रीज में काम करने वाले वर्कर्स को भी इस केमिकल का खतरा रहता है. इन इंडस्ट्रीज में अधिकतर प्लास्टिक और रबर के उत्पाद तैयार किए जाते हैं. हैंड सैनिटाइजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए FDA ने जनवरी में ही मेक्सिको से आयात बंद कर दिया था. क्योंकि इन सैनिटाइजर्स में मेथेनॉल की मात्रा पाई गई थी. मेथेनॉल को सबसे खतरनाक एल्कोहल माना जाता है. वैलीजर ने बताया है कि बेन्जीन से दूषित हैंड सैनिटाइजर्स में से अधिकतर चीन या अमेरिका में तैयार किए गए हैं. जांच में यह भी पाया गया कि इन हैंड सेनिटाइजर्स में मेथेनॉल से भी ज्यादा बेन्जीन है.