Harvey Lewis:  बिना रुके, बिना थके एक शख्स ने बैकयॉर्ड अल्ट्रा मैरॉथन में कमाल कर दिया. उस शख्स का नाम है हार्वे लुइस. अमेरिका के सिनसिनाटी के रहने वाले लुईस ने करीब साढ़े चार दिन में 450 मील की दूरी तय की. बड़ी बात तो यह है कि इस दूरी को तय करने के दौरान वो मुश्किल से ही सोए. यहां पर हम बताएंगे कि हार्वे लुईस की कामयाबी के पीछे राज क्या है. बैकयॉर्ड अल्ट्रामैरॉथन क्या होता है.


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सभी मुश्किलों को दी मात
हार्वे के चेहरे पर सुस्ती, आंखों में नींद की कमी, पसीने से सने बनियान को देखकर कोई भी कह सकता है कि इस तरह से कोई बैक अल्ट्रारनिंग को कोई कैसे पूरी कर सकता है. लेकिन कहते हैं ना कि किसी का मूल्यांकन उसके लुक से मत करिए. हार्वे लुईस ने कर दिखाया कि अगर इरादे मजबूत हों तो किसी भी तरह की चुनौती से पार पाया जा सकता है. लुईस को पता था कि इस दफा उनके पास बैक अल्ट्रारनिंग को जीतने का सुनहरा मौका है और वो उसे खोना नहीं चाहते थे. बस इस बात का ध्यान रखना है कि आपका प्रतिद्वंदी आपसे पहले हार मान ले. 


पेशे से शिक्षक है हार्वे
लुईस एक हाई स्कूल शिक्षक और सिनसिनाटी के अनुभवी दूरी धावक, ने बिग के साढ़े चार दिनों में बमुश्किल विश्वसनीय 108 लूप - 450 मील के बराबर की दूरी तय की. उनकी कामयाबी का रास्ता तब साफ हो गया जब उनके अंतिम प्रतिद्वंद्वी इहोर वेरीजअपना 108 वां लूप पूरा करने में नाकाम रहे. कई हफ्ते बाद, लुईस ने फ्लोरिडा की पूरी लंबाई के बराबर या अपने गृहनगर सिनसिनाटी से अटलांटा तक की दूरी तय की. अपनी इस कोशिश के दौरान वो हर एक लूप के बीच केवल कुछ मिनटों के लिए रुके. वह जब अपने लूप के अंतिम चक्र में थे तब उन्हें अचानक यह एहसास हुआ कि वेरीज ने घुटने टेक दिए हैं.लुईस अपनी कामयाबी के बारे में कहते हैं कि जैसे जैसे वो आगे बढ़ते गए उन्हें अपनी जीत महसूस होने लगी थी. उन्हें अपने प्रदर्शन पर भरोसा था जो नतीजों में बदला भी. 


अल्ट्रा और बैक अल्ट्रारनिंग में फर्क
अल्ट्रारनिंग मैराथन में 26.2 मील से अधिक की दूरी तय करनी होती है. जबकि बैक अल्ट्रा की कोई पूर्व निर्धारित लंबाई नहीं है. धावक प्रति घंटे 4.167 मील का चक्र पूरा करते हैं और यह सिलसिला लूप में मौजूद अंतिम धावक तक जारी रहता है. जब लूप में सिर्फ एक धावक बचता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है.