Hinduja Family Mansion: ब्रिटेन के सबसे अमीर हिंदुजा फैमिली के चार सदस्यों को जेल की सजा होने का मामला सुर्खियों में है. स्विट्जरलैंड की कोर्ट ने जिनेवा स्थित हवेली में भारतीय कर्मचारियों का शोषण करने के लिए हिंदुजा फैमिली के सदस्यों जेल की सजा सुनाई. दोषियों पर श्रमिकों के पासपोर्ट जब्त करने, उन्हें विला छोड़ने से रोकने और स्विट्जरलैंड में बहुत कम वेतन पर उन्हें बहुत लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर करने सहित कई आरोप हैं.


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बिना खिड़की वाला तहखाना


आरोप है कि हिंदुजा परिवार ने घरेलू कामगारों के पासपोर्ट ले लिए थे और उन्हें विला छोड़ने के लिए नहीं कहा था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि काम करने वालों को तहखाने में एक चारपाई पर सोने के लिए मजबूर किया गया, इस तहखाने में खिड़की भी नहीं थी. श्रमिकों से हर समय उपलब्ध रहने की उम्मीद की जाती थी, जिसमें फ्रांस और मोनाको की यात्राएं भी शामिल थीं, जहां उन्होंने उसी स्थिति में काम किया था.


हिंदुजा फैमिली ने फैसले को दी चुनौती


कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताते हुए हिंदुजा फैमिली के सदस्यों ने कहा कि इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील दायर कर इस निर्णय को चुनौती दी है. शुक्रवार को परिवार की ओर से जारी एक बयान में स्विट्जरलैंड के वकीलों ने अपने मुवक्किलों का बचाव करते हुए कहा कि प्रकाश और कमल हिंदुजा (दोनों की आयु 70 वर्ष) तथा उनके बेटे अजय और उनकी पत्नी नम्रता को मानव तस्करी के सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है.


निर्णय से हम स्तब्ध व निराश..


उन्होंने जिनेवा स्थित अदालत के आदेश के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को हिरासत में लिए जाने के मीडिया रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया. वकील येल हयात, रॉबर्ट असैल और रोमन जॉर्डन द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है, “हमारे मुवक्किलों को मानव तस्करी के सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है. प्रथम दृष्टया, इस अदालत में लिये गये बाकी निर्णय से हम स्तब्ध व निराश हैं और हमने निश्चित रूप से उपरी अदालत में अपील दायर की है, जिससे फैसले का यह हिस्सा प्रभावी नहीं होगा.”


चार से साढ़े चार साल तक की जेल..


स्विट्जरलैंड की एक आपराधिक अदालत ने शुक्रवार को हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को घरेलू सहायकों का शोषण करने के मामले में चार से साढ़े चार साल तक की जेल की सजा सुनाई. अदालत ने साथ ही, मानव तस्करी के आरोपों को खारिज कर दिया. भारतीय मूल के उद्योगपति प्रकाश हिंदुजा और उनकी पत्नी, बेटे व पुत्रवधू पर अपने नौकरों की तस्करी का आरोप लगाया गया था, जो जिनेवा में उनके आलीशान विला में काम करते थे.


मानव तस्करी के आरोपों को कोर्ट ने किया खारिज


चारों आरोपी जिनेवा की अदालत में मौजूद नहीं थे, हालांकि परिवार का व्यवसाय प्रबंधक और पांचवां आरोपी नजीब जियाजी अदालत में मौजूद था. उसे 18 महीने की सजा सुनाई गई जो निलंबित रखी गई है. अदालत ने कहा कि चारों व्यक्ति कर्मचारियों का शोषण करने और अनधिकृत रोजगार देने के दोषी हैं. अदालत ने तस्करी के आरोपों को इस आधार पर खारिज कर दिया कि कर्मचारी अपनी इच्छा से काम कर रहे थे.


(एजेंसी इनपुट के साथ)