Moon Mission: भारत ने अंतरिक्ष में उस समय इतिहास रच दिया की जब चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा उतरने में सफल रहा. चंद्रमा के हिस्से पर  इसरो ने गुरुवार को घोषणा की कि रोवर प्रज्ञान लैंडर से बाहर निकल गया है। इसने कहा, ‘भारत ने चांद पर चहलकदमी की।’ अगर आप सोचते हैं कि चांद पर सिर्फ मिट्टी, चट्टानें ही हैं तो ऐसा नहीं हैं. चांद पर करीब 200 टन कबाड़ भी पड़ा हुआ है यह किसी और ने नहीं बल्कि धरतीवासियों ने ही छोड़ा है.


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दरअसल चांद पृथ्वी के लोगों के लिए हमेशा से ही आकृषण का केंद्र रहा है. 1969 में अमेरिका में चांद पर मानव मिशन भेजकर इतिहास रच दिया है. चांद पर अब तक 12 अंतरिक्षयात्रियों ने कदम रखे हैं. लेकिन वह अपने पीछे काफी कबाड़ चांद पर छोड़ आए. आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे: -


नील आर्मस्ट्रॉन्ग चांद की सतह पर कदम रखने वाले पहले इंसान थे. उनके साथी बज एल्ड्रिन ने भी चांद पर चहल कदमी की थी और वह चांद पर उतरने वाले दूसरे शख्स बने. हालांकि जब ये लोग चांद से वापस जाने लगे तो इन्होंने वे सभी चीजें वहीं छोड़ दी जिनके इन्हें जरूरत नहीं थी. इनमें एक टीवी कैमर, एक ट्यूब जिसमें अमेरिकी ध्वज को लपेटा गया था शामिल हैं. इसके लिए अलावा वे उपकरण भी चांद की सतह पर छोड़ दिए गए जिनका उपयोग वहां मिट्टी और चट्टान के नमूने इक्ट्ठा करने के लिए किया गया था.


चांद पर और क्या-क्या कचरा पड़ा है:-
चंद्रमा पर मानव अपशिष्ट के कुल 96 बैग हैं. वैज्ञानिक इन्हें धरती पर लाना चाहते हैं ताकि यह अध्ययन कर सके कि चंद्रमा पर इतने वक्त पड़े रहने के बाद इन पर क्या असर पड़ा है.


चंद्रमा पर जब कोई अंतरिक्ष यान लैंड करता है तो अपने देश का झंडा का जरूर फहराता है. इस परंपरा की की शुरुआत नील आर्मस्ट्रॉन्ग और बज एल्ड्रिन ने की थी. इन दोनों ने अपने देश अमेरिका का झंडा वहां लगाया था.


क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि चंद्रमा पर मानव राख भी पड़ी है. यह अमेरिकी भूविज्ञानी जीन शूमेकर की है. उनकी मृत्यु होने पर उनकी राख को लूनर प्रोस्पेक्टर अंतरिक्ष जांच बोर्ड पर एक कैप्सूल में चंद्रमा पर ले जाया गया था. यह कैप्सूल अभी भी चांद पर मौजूद है.


चंद्रमा पर पंख और हथौड़ा भी पड़ा है. 1971 में अपोलो 15 के यात्री डेविड स्कॉट ने एक हाथ में पंख और एक हाथ में हथोड़ा लेकर चंद्रमा की सतह पर गिराया था ताकि यह देखा जा सके कि वे दोनों एक ही गति से चांद की सतह पर गिरते हैं या नहीं.