यदि अमेरिकियों को मारने की सुपारी देते हैं रूसी तो उन्हें चुकानी पड़ेगी बड़ी कीमत: US
पोम्पियो की धमकी रूस की कथित इनामी योजना को लेकर किसी वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी की रूस को दी गई पहली धमकी है. वहीं पोंपियो का रुख, राष्ट्रपति ट्रम्प की उस सोंच से एकदम अलग है जिसमें उन्होने अपने ही देश की खुफिया एजेंसियों की सूचना को झूठ बताया था.
वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने रूस (Russia) के विदेशी मंत्री सर्जेई लवरोव (Sergei Lavrov) को चेतावनी दी है कि अगर मास्को (Moscow) अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों या पश्चिमी देश की टुकड़ियों को मारने के लिए सुपारी देता है, तो इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. क्रेच रिपब्लिक की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान एक मीडिया इंटरव्यू में माइक पोम्पियो ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जानकारी साझा की.
पोम्पियो की धमकी रूस की कथित इनामी योजना को लेकर किसी वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी की रूस को दी गई पहली धमकी है. वहीं पोम्पियो का रुख, राष्ट्रपति ट्रम्प (Trump) की उस सोच से एकदम अलग है जिसमें उन्होंने अपने ही देश की खुफिया एजेंसियों की सूचना को झूठ बताया था.
यूरोप के जरिए रूस को धमकी
पिछले महीने यूरोप और अपने खुफिया सूत्रों के हवाले से अमेरिका को विस्तृत रिपोर्ट मिली थी कि रूस ने तालिबान से जुड़े आतंकियों को अमेरिकी लोगों को मारने का ऑफर दिया था. रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी (Radio Free Europe/Radio Liberty) के साथ अपने इंटरव्यू में पोम्पियो ने ये साफ नहीं किया कि वो खुद इस खबर को कितना सच मानते हैं. उन्होंने ये भी नही बताया कि इस मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ क्या बातचीत हुई. लेकिन गंभीर मुद्दे को लेकर उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि वाशिंगटन के साथ किसी को भी गलत व्यवहार नहीं करने दिया जाएगा.
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US मीडिया में छपी थी रिपोर्ट
जून में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के हवाले से न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट छापी थी, जिसके मुताबिक अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों और संयुक्त फोर्स से जुड़ी पश्चिमी देशों की टुकड़ियों पर हमला करने के लिए रूसी मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट ने तालिबान से जुड़े आतंकियों को मोटी रकम की पेशकश की है. राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि उनको इस जानकारी के बारे में नहीं बताया गया क्योंकि कई अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को इस खबर की सच्चाई पर संदेह था. हालांकि कई अमेरिकी और यूरोपीय सोर्स इस खबर के बारे में विरोधाभासी राय दे रहे थे.
पोम्पियो ने ये भी कहा कि वो जानते हैं कि हमारी मिलिट्री अफसर, उनके अधिकारियों से चर्चा कर चुके हैं, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे, और सहन भी नहीं करेंगे. इंटेलीजेंस रिपोर्ट ऐसे मौके पर आई है जब अमेरिका तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के साथ एक जटिल शांति समझौता लागू करवाने की कोशिश में है, जिसके चलते फरवरी में वहां से अमेरिकी सैनिकों की वापसी भी रुक गई थी.
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