म्यूनिख : जर्मनी में अवसाद के शिकार एक किशोर जर्मन-ईरानी किशोर ने एक शॉपिंग मॉल में गोलीबारी करके नौ लोगों को मार डाला और 16 अन्य को घायल कर दिया। इतना ही नहीं, उसके बाद उसने आत्महत्या भी कर ली। पुलिस ने आईएसआईएस के साथ उसका कोई संबंध होने से इनकार किया है।


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बंदूकधारी अवसाद से ग्रस्त था और उस पर पांच साल पहले नार्वे में दक्षिणपंथी मतांध एंडियर्स बेहरिंग ब्रेविक द्वारा किए गए नरसंहार जैसी गोलीबारी घटना का जुनून सवार था। म्यूनिख के ओलंपिक स्टेडियम के समीप ओलंपिया शॉपिंग मॉल में मैकडोनाल्ड के एक रेस्तरां में बीती रात गोलीबारी हुई।


सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो में दिख रहा है कि काले कपड़े में एक व्यक्ति लोगों पर गोलीबारी करते हुए रेस्तरां से निकल रहा है और वहां से भाग रहे लागों पर गोलियां चला रहा है ।
म्यूनिख पुलिस के अनुसार नौ लोगों की मौत हो गयी और 16 अन्य घायल हो गए। घायलों में तीन की स्थिति नाजुक है। कोसोवो ने कहा है कि मारे गए लोगां में उसके तीन नागरिक हैं जबकि तुर्की ने कहा कि तीन तुर्क भी मारे गए हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनके पास दोहरी नागरिकता थी या नहीं।


बावरिया के सरकारी टेलीविजन ने बताया कि हताहत लोगों में ज्यादातर 15-21 साल के उम्र के लोग हैं। प्रारंभ में यह माना जा रहा था कि तीन बंदूकधारी इस हमले में शामिल थे। प्रशासन ने शहर में तलाशी अभियान चलाया। इस काम में 2000 पुलिसकर्मी, शीर्ष जीएसजी.9 आतंकवाद निरोधक इकाई और हेलीकॉप्टर लगाए गए। म्यूनिख के मुख्य ट्रेन स्टेशन और सार्वजनिक परिवहन को कई घंटे तक स्थगित कर दिए गए।


जांचकर्ताओं को बाद में संदिग्ध बंदूकधारी का शव मिला जिसके बारे में जान पड़ता है कि इस व्यक्ति ने अकेले ही यह हरकत की और उसने बाद में खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी। पुलिस प्रमुख हुबर्ट्स आन्द्र ने संवाददाताओं ने बताया कि संदिग्ध म्यूनिख का रहने वाला 18 वर्षीय जर्मन-ईरानी था। उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है।


उन्होंने कहा, ‘इस्लामिक स्टेट से उसका बिल्कुल संबंध नहीं है।’ उन्होंने बताया कि संदिग्ध को नरसंहार से संबंधित पुस्तकें और आलेखों में गहरी रूचि थी। आंद्रे ने बताया कि जर्मन जांचकर्ताओं ने म्यूनिख की शुक्रवार को हुई गोलीबारी और 22 जुलाई, 2011 को ब्रेविक द्वारा किए गए नरसंहार में स्पष्ट संबंध स्थापित किया है।



म्यूनिख के मुख्य अभियोजक ने भी कहा कि संदिग्ध किसी प्रकार के अवसाद से ग्रस्त था लेकिन उन्होंने इन खबरों को लेकर सतर्क किया कि उसका कोई मनोवैज्ञानिक इलाज भी हुआ हो। यह नरसंहार पश्चिम यूरोप में जिहादी हमलों की श्रृंखला में नवीनतम घटना है। यह ब्रेविक नरसंहार की पांचवीं बरसी पर हुआ है। ब्रेविक नरसंहार में 77 लोगों की जान चली गयी थी।


संदिग्ध बंदूकधारी की मंशा और उसकी पृष्ठभूमि पर जर्मनी की शरण नीति और प्रवासियों के समावेशन पर चल रही तीखी बहस के संदर्भ में विशेष ध्यान गया है । खासकर बावरिया हजारों प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए मुख्य द्वार बन गया है जो पिछले कुछेक सालों में आए हैं।