Sri Lankan Navy arrests Indian fishermen: भारत पड़ोसी देशों के लिए हमेशा उदार रहा है. बांग्लादेश हो या अफगानिस्तान, भूटान या फिर मालदीव और श्रीलंका पड़ोसियों की मदद करना भारत का स्वभाव रहा है. लेकिन जब समुद्री में मछली पकड़ने के नाम पर जल सीमा का अतिक्रमण करने के आरोप में भारतीय मछुआरों को निशाना बनाते हुए बार-बार गिरफ्तार किया जाता है, ऐसे में सवाल उठता है कि जब मुफलिसी के दौर में कोलंबो की सरकार को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था, तब भारत ने आगे बढ़कर श्रीलंका की लड़खड़ाती इकोनॉमी को सहारा देने के लिए उसका हाथ थामा था.


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भारतीय मछुआरे फिर गिरफ्तार


श्रीलंकाई जल क्षेत्र में कथित रूप से प्रवेश कर मछली पकड़ने के आरोप में कम से कम 21 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया तथा उनकी चार नौकाओं को जब्त कर लिया गया. श्रीलंका की नौसेना ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मन्नार और कोविलन के पूर्वोत्तर जल क्षेत्र में बुधवार को भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया. नौसेना ने कहा कि 2023 में उन्होंने श्रीलंकाई जल क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में 195 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया.


कब दूर होगी ये समस्या?


अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा को कथित रूप से पार करने और श्रीलंकाई जल क्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में भारतीय मछुआरों को अक्सर गिरफ्तार कर लिया जाता है. श्रीलंका ऐसा क्यों करता है. इसकी एक संभावित वजह ये हो सकती है कि संभव है कि चीन से उसे ऐसा करने के लिए उकसाया जाता हो. हर बार कुछ निश्चित समय अंतराल के बाद इन कैदियों की समीक्षा होती है और उन्हें समय-समय पर रिहा कर दिया जाता है. 


एक वजह ये भी


भारत और श्रीलंका के बीच समंदर में मछली पकड़ने को लेकर अक्सर तनाव रहता है. आए दिन मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना गिरफ्तार कर लेती है. हमारे भारतीय मछुआरों पर हमला भी किया जाता है. तमिलनाडु की सरकार कई बार इस मसले को भारत सरकार से उठा चुकी है. इस विवाद के केंद्र में जमीन का वो कीमती टुकड़ा भी है, जिसे इंदिरा गांधी ने श्रीलंका को गिफ्ट में दे दिया. अब मोदी सरकार से उसे वापस लेने की मांग बार-बार हो रही है. ये जगह है कच्चातिवु द्वीप. जिसे श्रीलंका से वापस लेने की मांग उठी है लेकिन अबतक बात नहीं बन पाई है. 


भारत ने दिया था सहारा


खासकर उस दौर की बात करें तो जब श्रीलंका में हाहाकार मचा था. श्रीलंका की जनता सड़कों पर थी. एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोल के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी थीं. सेना के साए में राशन-पानी का बंटवारा हो रहा था. तब भारत ने कई तरह से श्रीलंका का सहयोग किया. लोन चुकाने में मददगार बनने से लेकर दवाओं और अंडो तक की सप्लाई तक भारत ने इस समुद्री देश की मदद की है. 


भारत के अंडों पर निर्भर श्रीलंका


श्रीलंका मार्च, 2023 से ही भारत के अंडों पर निर्भर रहा है, जब विदेशी मुद्रा संकट के कारण पशु आहार के आयात पर असर पड़ने के कारण उसे अंडे की भारी कमी का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उसने भारत से अंडे खरीदने का फैसला किया था. मार्च में, श्रीलंका ने अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत से 20 लाख अंडों का आयात किया था.