Chabahar Port: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सोमवार (13 मई) को ईरान के लिए भारतीय वायु सेना की एक विशेष उड़ान में सवार हुए. जहां दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह समझौते पर समझौता होने की उम्मीद है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक  यह समझौता भारत को ओमान की खाड़ी के साथ ईरान के तट पर स्थित चाबहार बंदरगाह को लंबे समय के लिए पट्टे पर देने में सक्षम बनाएगा.


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इस समझौते से कराची और ग्वादर जैसे पाकिस्तानी बंदरगाहों को बायपास करते हुए और दक्षिण और मध्य एशिया के बीच ईरान के माध्यम से एक नया वाणिज्यिक मार्ग उपलब्ध होगा. इसके अतिरिक्त, यह व्यापार के लिए भीड़-भाड़ और नाजुक फारस की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य से अलग वैकल्पिक मार्गों को जांचने का मौका देगा.


विदेश मंत्री का ईरान दौरा
इससे पहले जनवरी में  विदेश मंत्री एस. जयशंकर ईरान में सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज्रपाश से मुलाकात की थी. दोनों पक्षों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह पर दीर्घकालिक सहयोग ढांचा स्थापित करने पर विस्तृत और 'सार्थक' चर्चा की थी.


विदेश मंत्री एक ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, 'तेहरान में मेरे दौरे की शुरुआत सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज्रपाश से मुलाकात के साथ हुई. चाबहार बंदरगाह के संबंध में दीर्घकालिक सहयोग ढांचा स्थापित करने पर विस्तृत और सार्थक चर्चा. अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.'


इसके बाद ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा था कि हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को मध्य एशिया से जोड़ने वाले चाबहार बंदरगाह को ‘सुनहरे द्वार’ के रूप में विकसित करना भारत-ईरान के बीच बढ़ते सहयोग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है. उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) के कार्यान्वयन को लेकर दोनों देशों के बीच सहयोग भी बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित करता है.


भारत-ईरान मिलकर विकसित कर रहे हैं बंदरगाह
ऊर्जा संपन्न ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के दक्षिणी समुद्र तट पर अवस्थित चाबहार बंदरगाह को कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान मिलकर विकसित कर रहे हैं.


भारत क्षेत्रीय व्यापार खासतौर पर अफगानिस्तान से संपर्क पुख्ता करने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है. भारत और ईरान ने बंदरगाह को आईएनएसटीसी परियोजना के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने की संकल्पना पेश की है.


आईएनएसटीसी भारत, ईरान, अफगानिस्तान, अर्मीनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी ‘मल्टी-मोड’ परिवहन परियोजना है.


(इनपुट - एजेंसी)


Photo Credit:- ANI