Onion Export : भारत में दोस्ती के रिश्ते को भी खून के रिश्तों की तरह निभाने का चलन है. यही वजह है कि दोस्ती में लोग जान की बाजी तक लगा देते हैं. ये बात न सिर्फ व्यक्ति विशेष पर बल्कि पूरे देश पर लागू होती है. इसी वजह से भारत की पहचान हमेशा से ही बुरे वक्त में पड़ोसियों की मदद करने वाले देश के तौर पर रही है. ये भूमिका इसलिए क्योंकि भारत ने एक बार फिर अपनी इसी अदा से करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया है. दरअसल भारत ने मालदीव के बाद पड़ोसी श्रीलंका (Sri Lanka) और अपने पक्के दोस्त यूएई (UAE) को प्याज (Onion) भेजने का फैसला किया है.


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एक्ट ईस्ट के साथ नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी


भारत ने ये फैसला अपनी नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए लिया है. यही वजह है कि निर्यात पर प्रतिबंध होने के बावजूद भारत अपने पड़ोसी और मित्र देशों को लगातार हजारों टन प्याज भेज रहा है. हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCRL) के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात (uae) को 10000 टन अतिरिक्त प्याज के निर्यात की अनुमति दी. जबकि इसके पहले सरकार ने पिछले महीने भी यूएई को 14400 टन प्याज के निर्यात की मंजूरी दी थी. 


केंद्र सरकार ने घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है. लेकिन मित्र देशों के अनुरोध पर उन्हें निश्चित मात्रा में समय समय पर प्याज भेजने की मंजूरी दी जाती है. इस प्याज का निर्यात एनसीईएल के जरिये किया जाएगा जो कई राज्यों में सक्रिय एक सहकारी समिति है.


इन देशों की थाली में स्वाद भरता है भारत


भारत ने बीते वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया था. मूल्य के लिहाज से प्याज के शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और यूएई थे. भारत की बांग्लादेश से पारंपरिक मित्रता है. भारत और यूएई के रिश्ते केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार के आने के बाद नए मुकाम तक पहुंचे हैं. भारत की यूएई से पक्की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. अब 2024 में भारत के समुद्री पड़ोसी श्रीलंका को भी प्याज पहुंचाने का फैसला हुआ है.


गौरतलब है कि भले ही मुइज्जू के राज में मालदीव, चीन का पिछलग्गू बन चुका है. इसके बावजूद भारत अपने पड़ोसियों को जरूरत की चीजें बिना किसी देरी की मुहैया करा रहा है. इसी कड़ी में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव से तनातनी के बावजूद वहां के लोगों की मदद के लिए राशन-पानी-दवा-अंडे समेत बहुत सी चीजें भेजने का ऐलान किया था. जिसके बाद मालदीव ने भी इंडिया को थैंक्यू कहने में देर नहीं लगाई.