Indian Muslims News: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक बार फिर भारत समेत कई देशों के खिलाफ जहर उगला है. ईरान के नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने अपने बयान में इस्लामिक उम्मा की एकजुटता और मुसलमानों की पीड़ा पर जोर दिया. उसने कहा कि इस्लामिक उम्मा के साझा पहचान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस्लाम के शत्रुओं ने हमेशा हमारी साझा इस्लामिक पहचान के प्रति असावधानी पैदा करने का प्रयास किया है. भारत ने खामेनेई के बयान को अनुचित बताते हुए कहा कि यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं.



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..सच्चा मुसलमान नहीं मान सकते


खामेनेई ने जोर देते हुए कहा कि यदि हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर कष्ट झेल रहे मुसलमानों की पीड़ा से अनजान रहते हैं, तो हम खुद को सच्चा मुसलमान नहीं मान सकते. याद दिला दें कि खामेनेई ने कई मौकों पर भारत के खिलाफ जहर उगला है.


आयतुल्लाह अली खामेनेई के जहरीले बोल


आयतुल्लाह अली खामेनेई ने एक्स पर अपने पोस्ट में मुसलमानों से उम्मा की एकजुटता की अपील की. उसने कहा कि उम्मा की एकजुटता बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है. यह एकजुटता राष्ट्रीयता और भौगोलिक सीमाओं को पार करती है. इसकी रक्षा करना बेहद जरूरी है.


खामेनेई ने लगाया गंभीर आरोप


खामेनेई ने यह भी आरोप लगाया कि "बुरे लोग" इस्लामिक दुनिया में शिया और सुन्नी मतभेद को बढ़ावा दे रहे हैं. इन मतभेदों को बढ़ावा देने के लिए वैचारिक, प्रचारात्मक, मीडिया और आर्थिक तत्त्वों का इस्तेमाल हो रहा है. एकता पर ध्यान केंद्रित करने से ही इन मतभेदों का समाधान संभव हो पाएगा.


भारत के खिलाफ उगलता रहा है जहर


यह पहली बार नहीं है जब खामेनेई ने भारत के खिलाफ जहर उगला है. मार्च 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों और दिल्ली दंगों के दौरान खामेनेई ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि भारत में मुसलमानों का संहार हो रहा है. भारत की सरकार को उग्र हिंदुओं और उनके दलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.


ईरान में धार्मिक असहिष्णुता


यहां गौर करने वाली बात यह है कि भारत के लिए विवादित बयान देने वाले खामेनेई से खुद उसकी सरकार नहीं संभल रही. मुसलमानों की पीड़ा की बात करने वाले खामेनेई की सरकार में धार्मिक असहिष्णुता की शिकायतें हैं. ईरान में महिलाओं और अन्य नाराज मुसलमानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है. सबसे बड़ा उदाहरण हिजाब का है. हिजाब न पहनने के लिए ईरानी महिलाओं को दंडित किया जाता है.


भारत में मुसलमानों की स्थिति


खामेनेई ने भारत में रह रहे मुसलमानों को लेकर जो दावा किया है, वह पूरी तहर से खोखला है. तमाम सर्वे और रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि भारत में मुसलमान अपने धर्म का स्वतंत्रता से पालन कर सकते हैं. भारत में मुस्लिमों को अल्पसंख्यक अधिकार और लोकतांत्रिक सुरक्षा मिली हुई है. भारत में मुसलमानों के खिलाफ उत्पीड़न का खामेनेई का दावा किसी भी तरह से सही नहीं है.