Indian Navy Latest Updates: सैकड़ों बरसों की गुलामी से उपजी हीनभावना को पीछे छोड़कर भारत अब विश्व शक्ति बनने के लिए धीरे-धीरे मजबूती से अपने पांव आगे बढ़ाता नजर आ रहा है. इस काम में भारतीय नौसेना बड़ी भूमिका निभा रही है. भारतीय नौसेना विभिन्न देशों के दौरे पर अपने युद्धपोत भेजकर दुनिया को अपनी शक्ति और सुरक्षा का अहसास करा रही है. भारतीय नौसेना के फ्रंटलाइन युद्धपोत INS विशाखापत्तनम (INS Visakhapatnam) और INS त्रिकंड (INS Trikand) अब दुबई में रशीद बंदरगाह पर पहुंचे हैं. INS विशाखापत्तनम की कमान कैप्टन अशोक राव और INS त्रिकंड की कमान कैप्टन प्रमोद जी थॉमस संभाल रहे हैं. इन युद्धपोतो के दुबई पहुंचने से पाकिस्तान की धुकधुकी बढ़ना तय है. वह किसी भी मुस्लिम देश के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को पसंद नही करता है. 


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दुबई पहुंचे 2 खतरनाक भारतीय युद्धपोत


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये दोनों युद्धपोत (Indian Navy) पश्चिमी बेड़े के तहत आते हैं, जिसके फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग आरएडीएम विनीत मैक्कार्टी हैं. उन्हीं की कमान में भारतीय नौसेना के ये फ्रंटलाइन युद्धपोत दुबई पहुंचे हैं. इस दौरे में यूएई नौसेना के साथ समुद्री पोत संचालन समेत विभिन्न मुद्दों पर पेशेवर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने एवं संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर भी डिस्कस किया जाएगा. 



UAE नौसेना के साथ करेंगे युद्धाभ्यास


भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने बताया कि दोनों युद्धपोत 8 से 11 अगस्त 2023 तक दुबई के रशीद बंदरगाह पर रहेंगे. इसी अवधि में यूएई नौसेना के साथ द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास 'ज़ायद तलवार' भी निर्धारित है. नेवी ने कहा कि भारतीय युद्धपोतों का यह दौरा दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री साझेदारी में बढ़ोतरी करेगा. इस यात्रा से क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए समान सूझबूझ पैदा होगी. 


इससे पहले ओमान पहुंचे थे नेवल शिप


इससे पहले नौसेना (Indian Navy) प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने 31 जुलाई से 2 अगस्त तक ओमान सल्तनत की 3 दिवसीय यात्रा की थी. इस यात्रा का उद्देश्य मौजूदा द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करना और ओमान सल्तनत के सैन्य नेतृत्व के साथ उच्च स्तरीय चर्चा करना था. इस यात्रा के साथ, भारतीय नौसेना का स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित गाइडेड मिसाइल विध्वंसक INS विशाखापत्तनम 3 दिवसीय यात्रा के लिए 30 जुलाई को पोर्ट सुल्तान कबूस, मस्कट पहुंचा था. इस दौरान दोनों देशों की नौसेनाओ के बीच कई सहयोग कार्यक्रम किए गए. 


(एजेंसी आईएएनएस)