Iran News: ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक प्रवक्ता ने बुधवार को दावा किया कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में हुआ हमास का घातक हमला जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला था. बता दें ईरान के बेहद लोकप्रिय और ताकतवर कमांडर सुलेमानी की 2020 में बगदाद में अमेरिकी हमले में मारे गए थे.


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अर्धसैनिक गार्ड के प्रवक्ता, रमज़ान (वैकल्पिक वर्तनी रमज़ान) शरीफ ने कहा कि 7 अक्टूबर का हमला – [जिसे हमास ने अल अक्सा स्टॉर्म नाम दिया था] - सुलेमानी की हत्या का ‘बदला लेने की कार्रवाई में से एक’ था.


हालांकि, फ़िलिस्तीनी ग्रुप हमास ने इस दावे का तुरंत खंडन किया. ऐसा आमतौर पर देखने को नहीं मिलता जब हमास और इसके मुख्य समर्थकों में से एक ईरान के बीच सार्वजनिक स्तर पर कोई विवाद दिखाई दे.


हमास ने एक बयान में, इसने शरीफ के दावे के खारिज करते हुए कहा कि 7 अक्टूबर का ऑपरेशन यरूशलेम में अल-अक्सा मस्जिद और ‘ज़ायोनी कब्जे और हमारे लोगों और हमारे पवित्र स्थलों के खिलाफ चल रही आक्रामकता’ के खतरों के जवाब में शुरू किया गया था.


बता दें हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमला किया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 240 लोगों को बंधक बना लिया था. 


अब तक ईरान करता आया था इनकार
बता दें ईरानी और हमास के अधिकारियों ने पहले इस बात से इनकार किया है कि ईरान ने घुसपैठ का आदेश दिया था या योजना बनाने में कोई भूमिका निभाई थी.


शरीफ ने तेहरान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह टिप्पणी की, जहां उन्होंने एक अन्य टॉप ईरानी सैन्य नेता जनरल राज़ी मौसवी की हत्या के लिए प्रतिशोध की धमकी दी, जो सोमवार को सीरिया में कथित इजरायली हवाई हमले में मारे गए थे.


कौन थे जनरल सुलेमानी?
जनरल सुलेमानी को ईरान में एक नेशनल हीरो का दर्जा हासिल है. उन्हें ईरानी सत्ता का एक मजबूत स्तंभ माना जाता था. कई रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि वह ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई के बाद देश में दूसरी सबसे बड़ी ताकत थे. ईरान के कई देशों से बेहतर संबंध बनाने और मध्य पूर्व में ईरान के असर को गहरा करने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है.


जनरल सुलेमानी कुद्स फ़ोर्स नाम की एक सैन्य टुकड़ी के चीफ थे. क़ुद्स फ़ोर्स अलग-अलग देशों में ईरानी हितों के हिसाब से किसी का साथ तो किसी का विरोध करती है. बताया जाता है कि क़ुद्स फ़ोर्स सीधे देश के सर्वोच्च नेता आयतोल्लाह अली ख़मेनेई को रिपोर्ट करती है. अमेरिका ने कुद्स फ़ोर्स और सुलेमानी का आतंकी घोषित किया था.


2012 में, सीरियाई गृहयुद्ध के फैलने के बाद, सुलेमानी ने सीरियाई सरकार और उसके राष्ट्रपति, एक प्रमुख ईरानी सहयोगी, बशर अल-असद को मजबूत करने में मदद की. उन्होंने सीरियाई गृहयुद्ध में ईरान के अभियान चलाए और सीरिया में रूसी सैन्य हस्तक्षेप की योजना बनाने और उसे व्यवस्थित करने में मदद की.


सुलेमानी की हत्या
3 जनवरी 2020 को सुलेमानी की कारों के काफिलों को बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यूएस ड्रोन्स ने निशाना बनाया हमले में सुलेमानी मारे गए. उनके साथ कताइब हिज़्बुल्लाह के नेता अबु महदी अल-मुहांदिस भी सफर कर रहे थे. उनकी मौत इस हमले में हो गई. कताइब हिज़्बुल्लाह को अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित किया था.