`अगर अमेरिका ने परमाणु समझौता तोड़ा, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा`
ब्रिटेन में ईरान के शीर्ष राजदूत हामिद ने कहा कि अगर अमेरिका 2015 में हुए इस समझौते से पीछे हटता है तो ईरान भी “अपनी पिछली स्थिति में लौटने के लिए तैयार है.”
लंदन: ब्रिटेन में ईरान के दूत ने कहा है कि अमेरिका के परमाणु समझौते से पीछे हटने की सूरत में ईरान भी इससे बाहर होने पर विचार कर सकता है. ब्रिटेन में ईरान के शीर्ष राजदूत हामिद बेदिनेजाद ने गुरुवार (3 मई) को प्रसारित हुए एक साक्षात्कार में यह बात कही. हामिद ने कहा कि अगर अमेरिका 2015 में हुए इस समझौते से पीछे हटता है तो ईरान भी “अपनी पिछली स्थिति में लौटने के लिए तैयार है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से बाहर निकलने की धमकी दी थी. सीएनएन के साथ साक्षात्कार में ईरान के दूत ने कहा, “जब अमेरिका इस समझौते से बाहर हो जाएगा तो इसका मतलब होगा कि कोई समझौता बचा ही नहीं.” उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए होगा क्योंकि एक महत्त्वपूर्ण पक्ष ने संधि को निरस्त किया है और साफ तौर पर इसका उल्लंघन किया है.’’
खबरों के मुताबिक ट्रंप ने इस समझौते को रद्द करने की बात कही है जो ईरान और छह अन्य वैश्विक शक्तियों के बीच हुआ था. अमेरिका को 12 मई तक इस समझौते को अपना समर्थन नए सिरे से देना था, लेकिन ट्रंप ने इससे पहले ही समझौते से बाहर होने की बात कह दी थी.
ईरान समझौते से पीछे नहीं हटे अमेरिका : संयुक्त राष्ट्र
वहीं दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ईरान समझौते से पीछे नहीं हटने का आग्रह किया है. गुटेरेस ने बीबीसी को बताया कि यदि 2015 के ईरान समझौते को संरक्षित नहीं किया गया तो युद्ध का जोखिम है. ट्रंप इस समझौते के मुखर आलोचक रहे हैं. इस समझौते के तहत ईरान खुद पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम बंद करने पर सहमत हो गया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वह 12 मई तक फैसला करेंगे कि इस समझौते से अमेरिका जुड़ा रहेगा या नहीं. गुटेरेस ने बीबीसी को बताया कि ईरान समझौता एक महत्वपूर्ण राजनयिक जीत है और इसे बनाए रखना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें इसे तब तक बंद नहीं करना चाहिए, जब तक इसका कोई अन्य बेहतर विकल्प नहीं मिल जाता. हमने खतरनाक दौर में हैं."