परमाणु समझौता: नेतन्याहू के आरोप पर बरसा ईरान, TV प्रेजेंटेशन को बताया `घटिया शो`
ईरान के उपविदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि नेतन्याहू ईरान के अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते को लेकर ट्रंप के निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.
तेहरान: ईरान के उपविदेश मंत्री अब्बास अरागची का कहना है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ईरान पर लगाए गए आरोपों का उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान परमाणु समझौते को लेकर उनके निर्णय को प्रभावित करना है. अरागची ने सोमवार (30 अप्रैल) को प्रेस टीवी से कहा, "हमने सोमवार को बेंजामिन नेतन्याहू की टेलीविजन प्रेजेंटेशन में जो देखा, वो कुछ भी नहीं बल्कि एक बचकाना और घटिया शो था."
उन्होंने कहा कि ये आरोप पूर्व में नेतन्याहू के भाषणों का दोहराव ही है और ईरान के खिलाफ इस तरह के आरोपों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) पहले ही गलत साबित कर चुकी है. उन्होंने कहा कि नेतन्याहू ईरान के अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते को लेकर ट्रंप के निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. अरागची ने कहा कि ईरान नेतन्याहू के आरोपों की परवाह नहीं करता. उल्लेखनीय है कि अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर परमाणु समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है. यह ऐतिहासिक करार 2015 में हुआ था. इस समझौते पर रूस, चीन, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस ने हस्ताक्षर किए थे.
बेंजामिन नेतान्याहू ने Live टीवी पर ईरान के परमाणु डोजियर को किया बेनकाब
ईरान के साथ परमाणु समझौते से हटने या उसमें बने रहने को लेकर अमेरिका के विचार करने के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने बीते 30 अप्रैल को कहा कि उनके पास ईरानी परमाणु हथियार कार्यक्रम के नये सबूत हैं. वैश्विक शक्तियों और अपने देश के मुख्य शत्रु ईरान के बीच हुए परमाणु करार में संशोधन या उसके निरसन की बार-बार मांग कर चुके इजरायली प्रधानमंत्री ने टेलीविजन पर ईरान के परमाणु डोजियर को बेनकाब करते हुए वीडियो एवं स्लाइड के माध्यम से लाइव प्रजेंटेशन दिया.
उन्होंने कहा कि इजरायल ने कुछ ही हफ्ते पहले हजारों फाइलें हासिल की हैं जो उसकी एक बड़ी खुफिया उपलब्धि है. उन्होंने कहा, ‘‘आज रात हम गोपनीय परमाणु हथियार कार्यक्रम के नये एवं निर्णायक सबूत का खुलासा करने जा रहे हैं जिसे ईरान अपने गोपनीय परमाणु आर्काइव में अंतररष्ट्रीय समुदाय से सालों से छिपाये रखा.’’ उन्होंने दावा किया कि 2015 के परमाणु करार से ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने में कोई रुकावट नहीं आती है.