बगदाद: 10 साल पहले दिसंबर, 2008 में इराक में अमेरिकी हस्‍तक्षेप के खिलाफ एक पत्रकार ने तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति जॉर्ज बुश के ऊपर उस वक्‍त जूता फेंका था, जब वो इस शहर में अपनी फेयरवेल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उस घटना के बाद पत्रकार मुंतजिर अल-जैदी(39) अचानक दुनिया भर की सुर्खियों में आ गए थे. अब 12 मई को युद्ध से तबाह हुए इस मुल्‍क में होने जा रहे चुनाव में जैदी चुनाव में उतरकर अपनी किस्‍मत आजमाने जा रहे हैं. इस फैसले के बारे में उनका कहना है, ''मेरा मकसद सभी भ्रष्‍ट नेताओं को जेल के पीछे भेजकर उनकी संपत्ति जब्‍त करने का है ताकि उनको अपने किए का पछतावा हो.''


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उल्‍लेखनीय है कि उस घटना के बाद जैदी को पकड़ लिया गया था और नौ महीने उनको जेल में सजा काटनी पड़ी थी. उसके बाद उन्‍होंने लेबनान में शरणार्थी के रूप में शरण ली. उनके परिवार में एक बेटी है. उस घटना के बाद अरब जगत में कई लोगों के वह हीरो बन गए. अब इतने साल बाद उस घटना को याद करते हुए वह कहते हैं कि उनको अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. मुझे बस इसका अफसोस है कि उस वक्‍त मेरे पास जूतों की दूसरी जोड़ी नहीं थी.


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इराकी चुनाव में महिला उम्मीदवारों की राह आसान नहीं
हालांकि इसके साथ ही इराक में इसी महीने होने वाले संसदीय चुनाव में महिला उम्मीदवारों की डगर काफी मुश्किल प्रतीत हो रही है लेकिन इसके बाद भी वे विचलित हुए बिना आगे बढ़ रही हैं. उन्हें 12 मई के चुनाव से पहले कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि उन्हें बदनाम करने के लिए अभियान तक चलाए जा रहे हैं जिसमें सेक्स वीडियो भी शामिल हैं. इस दबाव में कई महिलाओं ने खुद को चुनावी मैदान से बाहर कर लिया.


कई उम्मीदवारों का मानना है कि पारंपरिक रूप से पितृसत्तात्मक इस समाज में चुनाव महिलाओं के मुद्दों को आगे बढ़ाने का अवसर है. इराक में महिलाओं को अब भी राजनीति में बड़े पद नहीं मिल पाते हैं. इस देश को लेकर ऐसी चिंताएं हैं कि अमेरिकी नेतृत्व में तानाशाह सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल करने के 15 साल बाद भी यहां महिलाओं के अधिकारों को घटाया जा रहा है. यहां संविधान के तहत महिलाओं के लिए एक चौथाई सीटें आरक्षित की गई हैं और करीब 2,600 महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं. यहां कुल संसदीय 329 सीटें हैं. सद्दाम हुसैन के 2003 में सत्ता से हटने के बाद यह चौथा चुनाव है.


IS ने चुनावी उम्मीदवार की हत्या की
12 मई को मतदान से पहले जेहादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने एक उम्मीदवार को मार डालने का दावा किया है. एक स्थानीय अधिकारी ने कहा कि उप राष्ट्रपति अयद अलावी के वफादार माने जाने वाले फारूख जरजूर अल-जुबूरी की उत्तरी इराक के मोसुल के पास उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई.


मैसेजिंग एप्प टेलीग्राम पर दिये एक बयान में जेहादी संगठन ने कहा कि जुबूरी की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह ''नास्तिक'' थे. स्थानीय अधिकारी सलाह अल-जुबुरी ने कहा कि मोसुल से करीब 70 किलोमीटर दक्षिण में स्थित कयाराह कस्बे में स्थित उम्मीदवार के घर में घुसकर बंदूकधारियों ने उन्‍हें गोली मारी. शनिवार को होने वाले चुनावों से पहले आईएस ने चुनाव से जुड़े कर्मचारियों और मतदाताओं को निशाना बनाने की चेतावनी दी है. पिछले महीने आईएस के प्रवक्ता अबु हसन अल - मुहाजिर की तरफ से यह बयान जारी किया गया था.


(इनपुट: एजेंसियां)