US intel leak: अमेरिका के गोपनीय दस्तावेज हुए लीक, जासूसी के इन राज से उठ गया पर्दा
US intel leak: पेंटागन के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी माइकल मुलरॉय ने एक इंटरव्यू में बताया, `लीक के पूरे मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि इसमें कुछ दस्तावेज ऐसे थे जो सिर्फ अमेरिका के पास थे.`
अमेरिका ने पेंटागन से लीक हुए खुफिया दस्तावेजों को लेकर पर जांच शुरू कर दी है. हालांकि, लीक हुई जानकारी ने दुश्मन ही नहीं बल्कि अमेरिका के मित्र देशों को भी हैरानी में डाल दिया है. इन अमेरिकी गोपनीय दस्तावेजों का लीक होना अमेरिका के लिए शर्मनाक और अमेरिकी सहयोगियों के लिए खतरनाक है, क्योंकि इसमें यूक्रेन की हवाई सुरक्षा से लेकर इजरायल की मोसाद जासूसी एजेंसी तक के बारे में जानकारी का खुलासा किया है.
एक अधिकारी ने यहां तक कहा कि लीक किए जाने के पीछे किसी और के बजाय अमेरिकी व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है. इन लीक दस्तावेजों में रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन, मध्य पूर्व और अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और अन्य से संबंधित जानकारी मौजूद है.
पेंटागन के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी माइकल मुलरॉय ने एक इंटरव्यू में बताया, "लीक के पूरे मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि इसमें कुछ दस्तावेज ऐसे थे जो सिर्फ अमेरिका के पास थे."
अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि सैन्य दस्तावेजों के लीक होने के पीछे रूस या रूस समर्थक तत्वों का हाथ होने की संभावना है, लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि, मॉस्को ने इसके बारे में कोई जवाब नहीं दिया है.
लीक हुए दस्तावेजों में गुप्त खुफिया रिपोर्ट्स शामिल थीं और ऐसा लगा कि कुछ दस्तावेजों को पोस्ट करने से पहले बदल दिया गया होगा.
क्या अमेरिका अपने सहयोगियों की जासूसी कर रहा है?
लीक हुए एक दस्तावेज से इस बात का खुलासा हुआ कि खुफिया एजेंसी मोसाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सुप्रीम कोर्ट पर पूर्ण रूप से नियंत्रण करने की योजना के खिलाफ विरोध को बढ़ावा दे रही थी. हालांकि, नेतन्याहू के कार्यालय ने रविवार को एक बयान जारी कर इस दावे को झूठा और बिना किसी आधार के बताया.
एक अन्य दस्तावेज में यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति में मदद करने के लिए सियोल पर अमेरिकी दबाव और ऐसा न करने की उसकी नीति के बारे में वरिष्ठ दक्षिण कोरियाई अधिकारियों के बीच आंतरिक चर्चा का विवरण भी है. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पद के एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि देश लीक हुए दस्तावेजों के बारे में समाचार रिपोर्टों से अवगत था और वो वाशिंगटन के साथ "उठाए गए मुद्दों" पर चर्चा करने की योजना बना रहा है.
दक्षिण कोरिया के विपक्षी सांसदों ने जासूसी के आरोपों पर "गंभीर खेद" व्यक्त किया. डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने एक संयुक्त बयान में कहा, 'हम जांच की मांग करते हैं और आग्रह करते हैं कि इस तरह की घटनाएं न हों.'
लीक हुई जानकारी में यूक्रेन में रूसी हमले की शुरुआत से लेकर अभी तक सभी खुफिया जानकारियां मौजूद थीं. इसके अलावा इसमें ये बातें भी थीं कि अमेरिका अपने मित्र देशों जैसे ईरान, ब्रिटेन और कोरिया समेत अन्य देशों की भी गहराई से जासूसी करता रहा है.
इसमें यहां तक दावा किया गया है कि अमेरिकी जासूसों को ईरान और उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल प्रणाली के बारे में पूरी जानकारी है. इस लीक की वजह से रूस और अन्य देशों में अमेरिका का खुफिया तंत्र और कमजोर होगा. साथ ही इन देशों को ये भी पता चल गया है कि अमेरिकी जासूस किस तरह कि जानकारी एकत्रित करते हैं.
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