Ismail Haniyeh death: आतंकवादी संगठन हमास का आका इस्माइल हानिया मर चुका है. हानिया पर हमले और उसकी मौत की वजह WhatsApp को बताया गया है. दावा किया जा रहा है कि हानिया को मारने वाली मिसाइल का डायरेक्ट कनेक्शन WhatsApp के एक मैसेज से है. क्या इजरायल ने WhatsApp की मदद से हानिया को मारा? WhatsApp के पास उसको इस्तेमाल करने वाले यूजर के बारे में सारी जानकारी होती है, ये बात आप भी जानते होंगे पर क्या ऐसी इंफोर्मेशन से हमला और मर्डर करना मुमकिन है? ईरान और गाज़ा पट्टी की ज्यादातर जनता मानती है कि हानिया की मौत उसके मोबाइल फोन में मौजूद WhatsApp ने तय कर दी. दावा ये है कि हानिया को WhatsApp पर आये एक मैसेज ने मरवा दिया!

हमास के चीफ हानिया के मर्डर का WhatsApp कनेक्शन


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लेबनान और इजरायल में जंग छिड़ी हुई है. हमास भी इस लड़ाई में इजरायल को जवाब देना चाहता है. इसलिये जल्द ही हमास का नया चीफ चुना जा सकता है. जिस रफ्तार से इजरायली खुफिया एजेंसी हमास को टारगेट कर रही है. उसके बाद गिनती के ही हमास विद्रोही बचे हैं. एक नया नाम सामने आया जो हमास का नया चेहरा बन सकता है. और इसका भारत के केरल से क्या कनेक्शन है, बताते हैं.


इस्माइल हानिया की मौत के बाद उसकी गद्दी पर खालिद मशाल को जगह मिल सकती है. अभी तक हमास ने इसका ऐलान नहीं किया है. पर जिस तरह से एक-एक करके हमास के नेता खत्म किये जा रहे हैं. हमास के पास कप्तान बनाने के लिये और कोई आतंकी बचा नहीं है.


हालांकि हमास चीफ की गद्दी पर खालिद कितने दिनों तक बचेगा? इसकी गारंटी देना मुश्किल है. असल में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद पहले एक बार खालिद को मारने की कोशिश कर चुकी है. 1997 में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के ऑर्डर पर खालिद को मारने की कोशिश हुई.


- इजरायली एजेंट्स ने जॉर्डन के अम्मान में खालिद को जहर का इंजेक्शन दिया था.
- हालांकि इस हमले के बाद जॉर्डन के किंग हुसैन ने इजरायल से शांति समझौता तोडऩे की धमकी दी.
- और इजरायल से खालिद को दिये जहर की काट यानी एंटीडोट की डिमांड रखी.


तब खालिद मशाल की जान इजरायल के एंटीडोट से बची थी. लेकिन हानिया के बाद खालिद चीफ बना तो वो फिर से मोसाद के टारगेट पर आ जाएगा.


केरल से LIVE जुड़ा था .... 27 अक्टूबर, 2023


भारत में मुस्लिम संगठनों की एक रैली में खालिद मशाल के भाषण को लेकर भी विवाद हो चुका है. 27 अक्टूबर 2023 को केरल में फिलीस्तीनियों के समर्थन में एक रैली हुई थी. इस रैली को जमात-ए-इस्लामी हिंद की युवा शाखा एसवाईएम ने आयोजित किया. रैली में ख़ालिद मशाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शामिल हुआ. जिसका वीडियो सामने आने के बाद काफी जमकर विवाद हुआ था.


फिलहाल खालिद मशाल के लिये हमास का चीफ बनना मुश्किल बताया जा रहा है. दावा है कि खालिद और ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं. अगर खालिद हमास का सबसे बड़ा लीडर नहीं बन पाया तो उसकी वजह ईरान को माना जाएगा. फिलहाल मोसाद के निशाने पर हमास का हर छोटा-बडा लीडर है. खालिद को सुसाइड हमलों का मास्टर माना जाता है. हमास के आतंकियों को खालिद ने ही आत्मघाती हमलावर बनना सिखाया था. हमास का चीफ खालिद बना तो इजरायल के खिलाफ नये सिरे से जंग शुरु हो सकती है. लेकिन खालिद के लिए सबसे बड़ा चैलेंज होगा इजरायल के अगले हमले से बचना.