Mumbai Attacks 26/11: मुंबई हमलों की 15वीं बरसी से पहले, इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित टेररिस्ट ग्रुप लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) पर प्रतिबंध लगा दिया. लश्कर ने ही 26/11 के मुंबई हमलों को अंजाम दिया था. नई दिल्ली स्थित इजराइली दूतावास ने एक बयान में कहा, ‘भारत सरकार ने हमसे ऐसा करने का अनुरोध नहीं किया था, लेकिन इजराइल ने सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं और लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठनों की इजराइल की सूची में शामिल करने के लिए सभी जरूरी नियमों का पालन किया है.’


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बयान में कहा गया है, ‘लश्कर-ए-तैयबा एक घातक और निंदनीय आतंकवादी संगठन है जो सैकड़ों भारतीयों एवं अन्य लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार है. 26 नवंबर, 2008 को किए गए उसके जघन्य कृत्य आज भी शांति चाहने वाले सभी देशों और समाजों को पीड़ा पहुंचा रहे हैं.’


ये है इजरायल की मंशा
इजरायल भारत पर हमास पर इसी तरह का प्रतिबंध लगाने के लिए दबाव डाल रहा है. बता दें 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले की भारत ने आतंकवादी हमले के रूप में निंदा की थी. हमास पर अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और कनाडा द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन यूएनएससी द्वारा नहीं.


प्रतिबंध के साथ,  इजरायल भारत की इस चिंता को दूर करने की उम्मीद कर रहा है कि वह पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे सीमा पार आतंकवाद पर पर्याप्त ध्यान दिए बिना ईरानी ‘आतंकवाद’ पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है.  ब ता दें इज़राइल ईरान को वैश्विक आतंकवाद के मुख्य स्रोत के रूप में देखता है, भारत केवल पाकिस्तान के लिए ऐसी राय रखता है.


इजरायल ने और क्या कहा?
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘इजराइल केवल उन आतंकी संगठनों को सूचीबद्ध करता है जो उसकी सीमाओं के भीतर या उसके आसपास या उसी तरह सक्रियता से गतिविधियां चला रहे हैं जिस तरह भारत में चलाते हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद या अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा वैश्विक रूप से सूचीबद्ध किया गया है. वहीं, इजरायल के रक्षा और विदेश मंत्रालयों ने संयुक्त रूप से पिछले कुछ महीनों में इस तिथि पर लश्कर-ए-तैयबा संगठन को त्वरित और असाधारण तरीके से सूचीबद्ध करने की दिशा में काम किया है. ताकि आतंकवाद से लड़ने में एक एकीकृत वैश्विक मोर्चे के महत्व को रेखांकित किया जा सके.’


बता दें दक्षिण मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से आए 10 आतंकवादियों ने यहूदियों के केंद्र चाबाड हाउस समेत कई जगहों पर हमला कर दिया था और अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की जान ले ली थी. इन हमलों में चाबाड हाउस के नाम से मशहूर नरीमन हाउस में छह यहूदी मारे गए थे.