Gaza City: इजरायली सेना ने उत्तर में तेज ऑपरेशन के बीच गाजा शहर के सभी निवासियों को साउथ  से मध्य सेंट्रल पट्टी की ओर जाने को कहा है. प्लेन द्वारा गिराए गए पर्चों में 'गाजा शहर में सभी' को 'खतरनाक युद्ध क्षेत्र' से सुरक्षित मार्गों जरिए निकल जाने को कहा है. सुरक्षित मार्ग के रूप में दो सड़कों को चिह्नित किया गया है जो डेर अल-बलाह और अल-ज़वैदा में शेल्टर्स की ओर जाती हैं.


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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वह शहर खाली करने के दिए गए इजरायली आदेश से बहुत चिंतित है. युद्ध शुरू होने के बाद से यह दूसरी बार है जब पूरे गाजा शहर को खाली करने के लिए कहा गया है.


कई क्षेत्रों में दोबारा घुसी इजरायली सेना
पिछले दो हफ़्तों में, इजरायली सेना ने कई क्षेत्रों में फिर से प्रवेश किया है. सेना का मानना ​​है यह कि हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के लड़ाके फिर से संगठित हो गए हैं.


हमास ने कहा है कि गाजा शहर में इजरायल की फिर से सक्रियता संभावित युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पर बातचीत को पटरी से उतारने की धमकी है. यह बातचीत बुधवार को कतर में फिर से शुरू हुई. इस वार्ता में मिस्र, अमेरिका और इजरायल के खुफिया प्रमुखों के साथ-साथ कतर के प्रधानमंत्री भी शामिल हो रहे हैं.


'वार्ता पर दबाव बनाने की कोशिश'
हमास के शीर्ष अधिकारी होसम बदरान ने एएफपी को बताया कि इजरायल 'बमबारी अभियान, विस्थापन और नरसंहार को तेज करके वार्ता पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है.'


इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक 'लाल रेखाएं संरक्षित हैं' तब तक इजरायल समझौते के लिए प्रतिबद्ध है.


'मैं नहीं जाऊंगा'
बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक अनुमान है कि गाजा शहर में अभी भी 2.5 लाख से ज़्यादा लोग रह रहे हैं. इजरायली सेना द्वारा वहां पर्चे गिराए जाने के बाद कुछ लोग दक्षिण की ओर पलायन करते देखे गए. हालांकि, अन्य लोग गाजा से जाने के लिए तैयार नहीं थे.


पर्चों में लोगों से शहर से चले जाने को कहा गया था. हालांकि एक इज़राइली अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि यह एक निर्देश के बजाय एक सिफ़ारिश थी.


47 वर्षीय निवासी इब्राहिम अल-बरबारी ने बीबीसी से कहा, 'मैं गाजा [शहर] नहीं छोड़ूंगा. मैं वह बेवकूफ़ी भरी गलती नहीं करूंगा जो दूसरों ने की है. इजरायली मिसाइलें उत्तर और दक्षिण में अंतर नहीं करती हैं. अगर मौत मेरी और मेरे बच्चों की नियति है, तो हम अपने घरों में सम्मान और गरिमा के साथ मरेंगे.'


फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने कहा कि उसे कुछ निवासियों की तरफ से कॉल आई हैं. वे बमबारी की तेजे होने की वजह से अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. इसने कहा, ‘गाजा शहर से आने वाली जानकारी से पता चलता है कि निवासी मुस्किल हालात में रह रहे हैं. [इज़रायली] कब्ज़ा करने वाली सेनाओं का आवासीय इलाकों पर हमला करना जारी है जो  लोगों को उनके घरों और शरण स्थलों से विस्थापित कर रहा है.'


आईडीएफ ने चलाया ऑपरेशन
इससे पहले बुधवार को जारी एक बयान में, इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि उसके सैनिकों ने हमास और पीआईजे लड़ाकों के खिलाफ रात भर 'एंटी टेररिज्म ऑपरेशन' चलाया था. आईडीएफ का दावा है कि ये लड़ाके गाजा शहर में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (Unrwa) के हेडक्वार्ड के अंदर काम कर रहे थे.


बयान में कहा गया कि सैनिकों ने इमारत में एंट्री करने से पहले इलाके से नागरिकों को निकालने के लिए एक निश्चित गलियारा खोला था और आतंकवादियों को नजदीकी मुकाबले में खत्म कर दिया था. Unrwa की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई. 


आईडीएफ ने यह भी कहा कि उसने गाजा शहर के पूर्वी शेजैया जिले में दर्जनों लड़ाकों को मार गिराया है और पिछले दिन एक भूमिगत सुरंग मार्ग को तबाह कर दिया है.  बुधवार को इजरायली संसद में बोलते हुए रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा कि इजरायल के हमले शुरू होने के बाद से हमास के 60% लड़ाके या तो मारे गए या घायल हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इन आंकड़ों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी. 


संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि वह आईडीएफ के उन आदेशों से ‘स्तब्ध’ है, जिसमें निवासियों को ‘ऐसे इलाके में जाने के लिए कहा गया है, जहां इजरायली मिलिट्री ऑपरेशन चल रहे हैं ,जहां नागरिक मारे और घायल हो रहे हैं.’


इसने यह भी चेतावनी दी कि डेर अल-बलाह क्षेत्र पहले से ही गाजा के अन्य क्षेत्रों से विस्थापित फिलिस्तीनियों से भरा हुआ है और वहां बुनियादी ढांचे की कमी है और मानवीय सहायता तक सीमित पहुंच है.


Photo courtesy- Reuters