South Africa’s Genocide Case Against Israel:  अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) शुक्रवार को फैसला सुनाएगा कि गाजा में इजरायली मिलिट्री ऑपरेशन राज्य के नेतृत्व में होने वाला एक ‘नरसंहार’ है या नहीं?  बता दें साउथ अफ्रीका ने इजरायल पर यह आरोप लगा है कि गाजा पट्टी में उसने सैन्य अभियान के नाम पर एक ‘नरसंहार’ अंजाम दिया है. इजरायल ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है.


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आईसीजे द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि शुक्रवार को दोपहर 1 बजे हेग के पीस पैलेस में एक ‘सार्वजनिक बैठक’ होगी, जिसके दौरान न्यायाधीश जोन ई. डोनोग्यू अदालत का आदेश पढ़ेंगे.


क्या है मामला?
दक्षिण अफ़्रीका द्वारा आरोप लगाया गया है कि इजरायल के 'कार्य और चूक' 'चरित्र में नरसंहारक हैं क्योंकि उनका उद्देश्य फ़िलिस्तीनी राष्ट्रीय, नस्लीय और जातीय समूह के एक बड़े हिस्से का विनाश करना है.'


दक्षिण अफ्रीका ने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल के विनाशकारी सैन्य अभियान को आपातकालीन रूप से निलंबित करने का आदेश दे.


इजरायल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज दिया . पिछले दिनों इजरायली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लियोर हयात ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ‘हमास की कानूनी शाखा के रूप में काम कर रहा है.


बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के विपरीत, आईसीजे नरसंहार जैसे अत्यंत गंभीर अपराधों के लिए लोगों पर मुकदमा नहीं चला सकता है, लेकिन इसकी राय संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण है.


इजरायल-हमास संघर्ष
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को हमास के सैकड़ों बंदूकधारी गाजा पट्टी से दक्षिणी इज़राइल में घुस गए, उन्होंने 1100 से अधिक लोगों की हत्या कर दी, जिनमें मुख्य रूप से नागरिक थे. हमलावरों ने लगभग 240 बंधकों बना लिया और उन्हें गाजा ले गए. 


इसके बाद इजरायल ने हमास के कंट्रोल वाले गाजा पट्टी पर हमला बोल दिया. हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जब से इजरायल ने जवाब में हमास के खिलाफ अपना सैन्य अभियान शुरू किया है, तब से गाजा में 25 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं.


(इनपुट - एजेंसी)