यरुशलम/वॉशिंगटन/मॉस्को: यरुशलम के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद एकजुटता जाहिर करते हुए कहा कि इजराइल इस दुख की घड़ी में भारत के साथ है. जम्मू-कश्मीर में हुए भयानक हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान गुरुवार को शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से जख्मी हैं. जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का एक आत्मघाती हमलावर 100 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थों से भरी कार से पुलवामा में सीआरपीएफ की बस को टक्कर मार दी थी. 


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इस हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेतन्याहू ने कहा, "मेरे प्यारे दोस्त, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हम आपके और भारत के सुरक्षा बल और वहां की जनता के साथ हैं." इजराइल के प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, "हम पीड़ित के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं."  


अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, सऊदी अरब, श्रीलंका और बांग्लादेश सहित दुनिया के कई देशों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी हमले की निंदा की है. इन देशों ने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के प्रति अपना समर्थन भी व्यक्त किया है. 



हमले की निंदा करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि हमले को अंजाम देने वालों और इसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए. उन्होंने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूत बनाने के लिए अपने देश का समर्थन दोहराया. 


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए संदेश में पुतिन ने कहा, "जम्मू-कश्मीर राज्य में आतंकवादी कृत्य में भारतीय विधि प्रवर्तन अधिकारियों की मौत के सिलसिले में कृपया संवेदनाएं स्वीकार करें. हम इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करते हैं. इस हमले को अंजाम देने वालों और प्रायोजकों को उचित सजा दी जानी चाहिए."


पुतिन ने कहा, "मैं भारतीय साझेदारों के साथ आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग को मजबूत करने की अपनी इच्छा दोहराता हूं. रूस में हम भारत के मित्रवत लोगों का दुख साझा करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद करते हैं." 


अमेरिका ने भी पुलवामा हमले की निंदा की है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने गुरुवार देर रात जारी एक बयान में कहा, "अमेरिका पाकिस्तान से अपील करता है कि वह अपनी जमीन से आतंकी गतिविधियां चलाने वाले ऐसे सभी आतंकवादी संगठनों को समर्थन और पनाह देना तुरंत बंद करे जिनका एकमात्र लक्ष्य क्षेत्र में अव्यवस्था, हिंसा और आतंक फैलाना है." 


उन्होंने कहा, "यह हमला आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका और भारत के सहयोग एवं साझेदारी को और बढ़ाने के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाता है." सैंडर्स ने कहा कि अमेरिका पुलवामा हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है. 


ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक नेताओं ने भी इस 'जघन्य' हमले की निंदा की. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को ट्वीट किया, "हम पीड़ितों के परिजन और सभी घायलों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं. हमारे विचार मेरे मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय लोगों के साथ हैं."  


सऊदी अरब ने कहा कि वह आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ भारत की लड़ाई में उसके साथ खड़ा है तथा उसने पुलवामा में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए- मोहम्मद की ओर से अंजाम दिए गए आत्मघाती हमले को 'कायराना' हरकत करार दिया. 


सऊदी अरब की यह कड़ी भर्त्सना ऐसे समय में आई है जब सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद शीर्ष भारतीय नेतृत्व से बातचीत के लिए अगले हफ्ते भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं. आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अर्धसैनिक बल के काफिले को निशाना बनाकर किए गए इस विस्फोट की वह निंदा करता है.


संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मामले एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय ने कहा कि देश 'इस आतंकवादी हमले की निंदा करता है." उसने यूएई के 'सैद्धांतिक एवं स्पष्ट रुख' को दोहराया कि वह हिंसा एवं आतंकवाद के सभी स्वरूपों को खारिज करता है. 


फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-यीव्स ली द्रियां ने भारत के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि फ्रांस आतंकवाद से मुकाबले में हमेशा भारत के साथ रहा है और रहेगा. नेपाल ने कहा कि वह आतंकवाद के सभी स्वरूपों की स्पष्ट शब्दों में निंदा करता है और मानता है कि ऐसे जघन्य कृत्यों को किसी आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता. भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका ने भी पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की. 


इस बीच, चीन ने हमले की निंदा तो की, लेकिन उसने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराए जाने की भारत की अपील का समर्थन करने से एक बार फिर इनकार कर दिया.