World News in Hindi: इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के साथ जारी जंग (Israel Hamas war) के 401वें दिन अपनी वीकली कैबिनेट बैठक के दौरान चौंकाने वाला खुलासा किया. इस बैठक के बाद हुई प्रेस कान्फ्रेंस के जरिए ये जानकारी दुनियाभर में पहुंची. नेतन्याहू ने इजरायली नागरिकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए अपनी कैबिनेट के सभा साथियों के सामने पहली बार स्वीकार किया कि हिज़्बुल्लाह के पेजर और वॉकी-टॉकीज़ पर हमलों के पीछे इज़राइल का हाथ था. उन्होंने कहा, 'हमले के आदेश पर तमाम विरोध के बावजूद उन्होंने दस्तखत किए थे. हमले में हिजबुल्लाह के टॉप ऑर्डर समेत कम से कम 39 लोग मारे गए थे और 3000 से अधिक घायल हुए थे.


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दो महीने पहले लेबनानी आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के आतंकवादियों के पैर अकड़ के मारे जमीन पर नहीं पड़ते थे, लेकिन 17-18 सितंबर को किए हुए इजरायली हमलों के बाद उसकी एक बड़ी यूनिट का सफाया हो गया. गौरतलब है कि लेबनान-सीरिया में हिजबुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हजारों हैंडहेल्ड पेजर और सैकड़ों वॉकी-टॉकी को एक साथ निशाना बनाया गया था. जिससे हिजबुल्ला को अपूर्णीय छति पहुंची थी.


छाती ठोककर कबूलनामा


द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू की कैबिनेट में कई मंत्री हैं, लेकिन जब से हमास का हमला हुआ है, तब से रक्षा मंत्रालय की भूमिका बढ़ गई है. नेतन्याहू ने कहा, 'पेजर ऑपरेशन और हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह के सफाये के ऑपरेशन को लेकर इजरायली रक्षा मंत्रालय में अनिश्चितता की स्थिति थी. एक राय नहीं बन पा रही थी. कुछ अधिकारियों और सरकार के राजनीतिक सहयोगियों के विरोध के बावजूद उन हमलों को अंजाम दिया गया. हमले का आदेश देने वाली उस गोपनीय मीटिंग में आईडीएफ और इजरायली खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के साथ-साथ हाल ही में हटाए गए रक्षा मंत्री योव गैलेंट भी मौजूद थे. 


युद्ध के बीच रक्षा मंत्री को हटाया


आपको बताते चलें पिछले हफ्ते, नेतन्याहू ने विश्वास की कमी का हवाला देते हुए अपने रक्षा मंत्री योव गैलेंट को बर्खास्त कर दिया था. उन्होंने गैलेंट की जगह काट्ज़ को नियुक्त किया, जो पहले विदेश मंत्री के रूप में कार्यरत थे. नेतन्याहू और गैलेंट के बीच सरकार में रहने के दौरान कई बार झड़प हुई थी. रक्षा मंत्री इस लेवल पर जाने के खिलाफ थे इसलिए नेतन्याहू ने उन्हें देशवासियों की सुरक्षा के नाम पर लिए गए एक मुश्किल फैसले में हटा दिया.


इससे पहले, इज़राइल ने सार्वजनिक रूप से हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर किए गए हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली. हालांकि मरने वालों में कुछ लेबनानी नागरिक भी थे. घायलों में लेबनान में तेहरान के राजदूत मोजतबा अमानी भी शामिल थे. इसके बाद, कई मीडिया आउटलेट्स ने खबर छापी थी कि ये हमला वर्षों पहले सोचा गया था. ये एक सोचा समझा, गोपनीय और फिल्टर्ड सैन्य ऑपरेशन था जिसमें हिजबुल्लाह को टेक्नालजी और उसके बनाए उपकरणों को खरीदने के लिए मूर्ख बनाया गया था.


फिलिस्तीन को भी लपेटा


नेतन्याहू ने इसबीच फिलिस्तीन को भी आइना दिखाया. इजरायल ने रविवार को एक वीडियो और कुछ तस्वीरें जारी करते हुए एक और खुलासा किया है. जिससे पता चलता है कि हमास के आतंकवादी बीते कई सालों से फिलिस्तीनियों को बंधक बनाकर मार रहे थे. लगातार उनका उत्पीड़न कर रहे थे. उन वीडियो के हवाले से कहा जा रहा है कि फिलिस्तीनी नागरिकों से सहानुभूति के बावजूद एक शिकायत ये है कि जब हमास के लोग फिलिस्तीनियों को ढाल बनाकर इजरायल के खिलाफ उनका इस्तेमाल कर रहे थे, उस वक्त भी किसी ने हमास को कुछ नहीं कहा और इजरायल के खिलाफ प्रोपेगेंडा वार को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने की कोशिश हुई.



इजरायली सेना ने कहा कि फुटेज सालों पुरानी सच्चाई बता रही है. 2018-2020 के बीच रिकॉर्ड किए गए ये वीडियो हमास की क्रूरता के तरीकों को बताते हैं.